नोटों पर 'सुप्रीम' फैसला किसका? जानें छपाई से लेकर नष्ट करने तक क्या है RBI की गाइडलाइन

RBI 2000 Rupees Note : देश में 8 नबंवर 2016 के बाद एक बार फिर से नोटबंदी का दौर आ गया है. इस बार सिर्फ 2000 रुपये के नोटों पर तालाबंदी लगी है, जबकि पिछली बार 500 और 1000 रुपये नोट बंद हुए थे.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
note

RBI 2000 Rupees Note( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

RBI 2000 Rupees Note : देश में 8 नबंवर 2016 के बाद एक बार फिर से नोटबंदी का दौर आ गया है. इस बार सिर्फ 2000 रुपये के नोटों पर तालाबंदी लगी है, जबकि पिछली बार 500 और 1000 रुपये नोट बंद हुए थे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2000 रुपये के नोटों को वापस का अहम फैसला लिया है. जिन लोगों के पास दो हजार रुपये के नोट हैं वो 23 मई से लेकर 30 सितंबर तक बैंक की किसी भी शाखा में जाकर अन्य नोटों से चेंज कर सकते हैं. ऐसे में अब बड़ा सवाल उठता है कि नोटों की छपाई से लेकर उसे नष्ट करने का फैसला कौन करता है और इसकी क्या प्रक्रिया है?

जानें नोट छापने की पूरी प्रक्रिया

देश में कौन से साल में कितने नोट छापे जाएंगे, इस पर फैसला लेने का अधिकार भारत सरकार के पास होता है. नोट छापने की प्रतिक्रिया दो चरणों में होती है. पहले स्टेट में आरबीआई की ओर से भारत सरकार को नोट छपाई के लिए अर्जी भेजी जाती है. दूसरे स्टेप में केंद्र सरकार RBI बोर्ड के सीनियर अर्थशास्त्रियों के साथ विचार विमर्श करती है और फिर आरबीआई को नोट छापने की परमिशन दे देती है. नोट छपाई करने से पहले भारत सरकार और आरबीआई देश की जीडीपी, राजकोषीय घाटा और विकास दर आदि कई मानकों को ध्यान में रखकर फैसला लेते हैं. 

देश में मिनिमन रिजर्व सिस्टम की शुरुआत साल 1956 में हुई थी. इसके तहत नोट छापने के लिए आरबीआई के पास 200 करोड़ रुपये रिजर्व होना चाहिए. 200 करोड़ रुपये में से 85 करोड़ रुपये फॉरेन करेंसी और 115 करोड़ रुपये का सोना होना चाहिए. आरबीआई के लिए ये इसलिए जरूरी है, ताकि भविष्य में ये डिफॉल्ट घोषित न हो जाए. 

यह भी पढ़ें : Delhi: केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ SC का दरवाजा खटखटाएगी AAP! जानें संजय सिंह ने क्या कहा?

नोट को ऐसे नष्ट और छापते हैं

आरबीआई की ओर से मैसूर, देवास, नासिक और सालबनी में नोटों की छपाई की जाती है. इसके बाद ये नोट बैंकों को दिए जाते हैं और फिर बैंक इन नाटों को अलग अलग माध्यमों जैसे एटीएम, कैश काउंटर से आम जनता में सर्कुलेट करते हैं. लोगों के हाथों में आने के बाद नोट फटते और घिसते हैं. फिर लोग इन्हीं नोटों को बैंकों में जमा कर देते हैं और फिर ये वापस आरबीआई के पास चला जाता है. इसके बाद आरबीआई तय करता है कि फटे पुराने नोटों को फिर से जारी करना है या फिर उसे नष्ट कर देना है. 

RBI 2000 Rupees Note Currency Printing in India who control currency printing in india rules regarding control currency printing in india where is currency printed in india who prints currency in india how much currency notes printed in 1 year
Advertisment
Advertisment
Advertisment