भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कोविड-19 (Coronavirus Epidemic) की दूसरी लहर के बीच मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए न केवल नकदी की समस्या से निपटने पर जोर दिया है, बल्कि इसने उपभोक्ताओं के लिए व्यापार करने में आसानी प्रदान करने के लिए कुछ अनुपालन मामलों को भी तर्कसंगत बनाया है. तदनुसार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) के गवर्नर (Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को अपने आभासी संबोधन में केवाईसी आवश्यकताओं को लेकर भी कुछ छूट प्रदान करने की घोषणा की. बता दें कि शक्तिकांत दास ने इमरजेंसी हेल्थ सेवा के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है.
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वीडियो KYC या वी-सीआईपी का दायरा बढ़ाने का फैसला
आरबीआई ने प्रोप्राइटरशिप फर्मों, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं और कानूनी संस्थाओं के हितकारी मालिकों जैसी ग्राहकों की नई श्रेणियों के लिए वीडियो KYC (अपने ग्राहक को जानें) या वी-सीआईपी (वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया) का दायरा बढ़ाने का भी फैसला किया है. कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को बैंकों और अन्य विनियमित वित्तीय संस्थाओं से कहा कि केवाईसी अपडेट नहीं कराने वाले ग्राहकों के खिलाफ दिसंबर तक कोई दंडात्मक प्रतिबंध न लगाए.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोविड महामारी से निपटने के लिए कदमों की घोषणा करते हुए कहा, देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड से संबंधित प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए विनियमित संस्थाओं को सलाह दी जाती है कि ग्राहक खातों के लिए जहां समय-समय से केवाईसी अपडेट (अद्यतन करने की प्रक्रिया) लंबित है, वहां ग्राहक खाते के संचालन पर कोई दंडात्मक प्रतिबंध 31 दिसंबर 2021 तक लागू न किया जाए. ऐसे में बैंक या विनियमित वित्तीय संस्थान किसी अन्य विधिक कारण को छोड़कर ग्राहक खातों पर दंडात्मक प्रतिबंध नहीं लगाएंगे. उन्होंने कहा कि सामान्य मॉनसून के अनुमान से ग्रामीण मांग बनी रहने का भरोसा है. शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना का मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर अब तक ज्यादा असर नहीं पड़ा है और कोरोना से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. -इनपुट आईएएनएस
HIGHLIGHTS
- वीडियो KYC या वी-सीआईपी (वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया) का दायरा बढ़ाने का भी फैसला
- केवाईसी अपडेट नहीं कराने वाले ग्राहकों के खिलाफ बैंक दिसंबर तक कोई दंडात्मक प्रतिबंध न लगाए