RBI Monetary Policy 2023: केन्द्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ( RBI Governor Shaktikanta Das ) ने आज यानी बुधवार को मौद्रिक नीति समिति की मीटिंग में लिए गए फैसलों की घोषणा कर दी है. आरबीआई के गवर्नर ने इस दौरान बताया कि अब भारतीय रिजर्व बैंक क्यूआर आधारित वेंडिंग मशीन प्रोजेक्ट लॉंच करने जा रहा है. हालांकि अभी यह पायलट प्रोजेक्ट होगा, जिसकी सफलता के बाद इसे पूरे देश में विस्तारित कर दिया जाएगा. यह प्रोजेक्ट देश में सिक्कों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए लाया जा रहा है. फिलहाल इसको 12 शहरों में शुरू करने का प्लान है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मशीनों का यूज यूपीआई के माध्यम से किया जाएगा और एटीएम में नोट के स्थान पर सिक्के निकलेंगे.
वित्त वर्ष 2023-2024 में रियल GDP ग्रोथ 6.4%
आपको बता दें कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुंबई में मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है. उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2023-2024 में रियल GDP ग्रोथ 6.4% ( GDP growth at 6.4 per cent ) की संभावना है. शक्तिकांत दास ने कहा कि 2023-24 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति औसतन 5.6% रहने की उम्मीद है. रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी हुई, 0.25% बढ़ाकर 6.50 % हुआ. आपको बता दें कि रूस-यूक्रेन वॉर के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित होने की वजह से मई 2022 में रेपो रेट में 2.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है. फिलहाल देश में रेपो रेट 6.25 प्रतिशत हैं.
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क्या है रेपो रेट
रेपो रेट को शॉर्ट में आरआर भी कहा जाता है. अगर आसान शब्दों में समझें तो रेपो रेट का मतलब उन ब्याज दरों से है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक अन्य बैंकों या वित्तिय संस्थाओं को कर्ज देता है. बैंक इस चार्ज से अपने ग्राहकों को लोन प्रदान करता है. रेपो रेट कम होने होने की स्थिति में ग्राहक को कम ब्याज दर पर होम लोन और व्हीकल लोन जैसे लोन मिलते हैं.
Source : News Nation Bureau