RBI: उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर के नगीना स्थित बैंक के लाइसेंस को आरबीआई ने रद्द कर दिया है. आपको बता दें कि लाइसेंस रद्द होने वाले बैंक का नाम यूनाइटेड इंडिया कॉ-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड है. जैसे ही जमाकर्ताओं को बैंक का लाइसेंस रद्द होने की खबर मिली है. वैसे ही वहां भीड़ एकत्र होने लगी है. वहीं डीआईसीजीसी के बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के तहत ये भी जानकारी दी गई है कि जमाकर्ताओं को उनके पूरे पैसे वापस मिलने का हक है. हालांकि अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि बैंक के अधिकारी ग्राहकों को टरकाने के मूड में दिख रहे हैं...
यह भी पढ़ें : Medical Rules: अब बिना डॅाक्टर के पर्चे के दवाई बेचीं तो खैर नहीं, सभी मेडिकल स्टोर्स को लिखित आदेश
19 जुलाई से किया गया प्रतिबंधित
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नगीना स्थित यूनाइटेड इंडिया कॉ-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड बैंकिंग रेगुलेशन Act, 1949 की धारा-56 के साथ ही धारा 11(1) और धारा 22 (3) (D) के नियमों का अनुपालन नहीं कर रहा था. इसलिए संबंधित बैंक के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है. आपको बता दें कि बैंक की बैंकिंग सेवाओं को प्रतिबंधित करने के लिए 14 जुलाई को आदेशित कर दिया गया था. सेवाएं 19 जुलाई से प्रतिबंधित हैं. वहीं 99.98 फीसदी जमाकर्ता DICGC के मुताबिक पूरी धनराशि पाने के हकदार बताए गए हैं.
खाता धारकों को लगी भीड़
आपको बता दें कि जैसे ही बैंक का लाइसेंस रद्द होने की खबर लोकल मीडिया ने प्रमुखता से छापी, तभी से जमकार्ताओं की बैंक पर भीड़ लगी है. खाता धारक देर शाम तक भी बैंके परिसर में डेरा जमाए हुए हैं. साथ ही उन्हें कुछ ठोस जवाब भी बैंक अधिकारियों को की ओर से नहीं मिल रहा है. साथ ही फिलहाल बैंक सेवाओं पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है.
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जनपद बिजनौर के नगिना स्थित बैंक को बंद करने के लिए किया आदेशित
- डीआईसीजीसी के बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के तहत किया गया लाइसेंस रद्द
- DICGC के मुताबिक सभी खाताधारक पूरी धनराशि पाने के हकदार
Source : News Nation Bureau