क्रेडिट कार्ड धारकों (credit card holders)के लिए यह खबर बहुत काम की है. क्योंकि अब आपको क्रेडिट कार्ड कंपनी (credit card holders) परेशान नहीं कर सकती. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) 1 जुलाई से क्रेडिट कार्ड को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर देगा. जिसके बाद क्रेडिट कार्ड कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी. साथ ही बिना सहमति के किसी के भी नाम क्रेडिट कार्ड जारी नहीं किया जा सकता. यदि ऐसा हुआ तो ऐसी कंपनियों के खिलाफ आरबीआई कार्रवाई करेगी. यही नहीं अब क्रेडिट कार्ड बकाया बिल का भुगतान के लिए कार्ड होल्डर्स (card holders) को धमकाया नहीं जा सकता है. अगर कोई बैंक ऐसा करता है तो रिजर्व बैंक ओम्बड्समैन से इसकी शिकायत की जा सकती है. जानकारी के मुताबिक संबंधित कंपनी या बैंक के खिलाफ आरबीआई कार्रवाई करने की योजना बनाएगा.
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मार्केटिंग का फंड़ा
फ्री क्रेडिट कार्ड को लेकर जानकारों का कहना है कि यह एक तरह से मार्केटिंग स्ट्रैटिजी है. क्रेडिट कार्ड लेने पर एक ज्वाइनिंग फीस होती है और दूसरा एनुअल चार्ज होता है. उन्होने बताया कि क्रेडिट कार्ड की उपयोगिता को लेकर ईटी नाऊ स्वदेश से बात करते हुए सुब्रमनी डॉट कॉम के सीईओ पीवी सुब्रमण्यम ने कहा कि यह बहुत काम की चीज है. यह एक चाकू की तरह है जिसका इस्तेमाल डॉक्टर जान बचाने और कसाई जान लेने के लिए करता है. क्रेडिट कार्ड का उचित इस्तेमाल किया जाए तो यह बहुत काम की चीज है. अन्यथा ये गले फांस बन जाता है. क्योंकि कंपनियां अनाब-सनाब चार्ज लगाकर ग्राहक को परेशान करना शुरु कर देती हैं.
धमकाया तो होगी कार्रवाई
आपको बता दें कि आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी क्रेडिट कार्ड कंपनी के लोग ग्राहक के साथ अभद्र व्यवाहर करेंगे तो वह कोर्ट चला जाए. नहीं तो आरबीआई में शिकायत करे. संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आरबीआई का मानना है कि क्रेडिट कार्ड कंपनी अपने फायदे के लिए आम आदमी के नाम झूठ बोलकर क्रेडिट कार्ड जारी कर देती हैं. जब वह बिल जमा नहीं कर पाता है तो उस पर कई चार्ज लगाकर पैसे को बढ़ा दिया जाता है. इसके बाद कंपनी की रिकवरी टीम के लोग ग्राहक के साथ अभद्र व्यवाहर करते हैं. जिसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता.
Source : News Nation Bureau