Bombay High Court decision: सोसायटी में निवास करने वाले करोड़ों लोगों के लिए राहतभरी खबर है. क्योंकि एक याचिका के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है. जिसमें जिसमें ट्रांजिट रेंट को ट्रैक के दायरे से बाहर रखा है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि ट्रांजिट रेंट पर कोई टैक्स (TDS) नहीं काटा जा सकता. कोर्ट ने आगे कहा कि ये फैसला इसलिए लिया गया है कि ट्रांजिट रेंट कोई इनकम नहीं है. आपको बता दें कि अभी तक कुछ डेवलपर ट्रांजिट रेंट पर टैक्स काटकर ही पैसे का भुगतान कर रहे थे. जिसके बाद ही मुद्दे को लेकर याचिका दायर की गई थी...
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कराया जाता है खाली
आपको बता दें किं अक्सर सोसायटी वाले बिल्डिंग को री-डेवलप के नाम पर फ्लैट खाली खाली करा लेते हैं. साथ ही इसकी एवज में डेवलपर की तरफ से मकान मालिक को / या वहां जो रह रहा होता है को ट्रांजिट रेंट (Transit rent) देना होता है. ताकि उसे रिनोवेशन के दौरान किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो. चूंकि ट्रांजिट रेंट बैंक अकाउंट में आता है तो इस पर डेवलपर टैक्स काटकर ही शेष भुगतान कर रहे थे. जिस पर बॅाम्बे हाईकोर्ट ने विराम लगा दिया है. अब उन्हें टैक्स काटकर देने की जरूरत नहीं है क्योंकि कोर्ट ने इसे इनकम से बाहर रखा है..
याचिका पर हुई बहस
आपको बता दें कि सरफराज एस फर्नीचरवाला ने एक याचिका दायर की थी. जिसमें ट्रांजिट टैक्स काटे जाने का जिक्र किया गया था. जिस पर बहस के बाद बॅाम्बे हाईकोर्ट ने फैसला दिया है. जिसमें कोर्ट ने कहा कि ट्रांजिट रेंट, जिसे कि आमतौर पर हार्डशिप/रिहैबिलिटेशन/डिस्प्लेसमेंट अलाउंस भी कहा जाता है. कोर्ट ने बताया है कि ट्रांजिट रेंट को रेवेन्यू रिसीट नहीं माना जा सकता. ऐसे में डेवलपर द्वारा दिए जा रहे अमाउंट पर टैक्स काटे जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. इसलिए ट्रांजिट रेंट को टैक्स से बाहर ही रखा जाना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, करोड़ों लोगों को मिल सकती है राहत
- एक याचिका पर बहस के बाद लिया गया फैसला
- ट्रांजिट रेंट पर टैक्स काटे जाने के सवाल ही नहीं
Source : News Nation Bureau