Delhi-Meerut Rapid Rail: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ-रैपिड (National Capital Region Transport Corporation ) रेल देश को समर्पित कर दी है. यह देश की पहली रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम है, जो मेरठ से दिल्ली तक चलेगी. पीएम मोदी ने रैपिड रेल ( Namo Bharat RRTS Train services ) के पहले फेज को हरी झंडी दिखा दी है, जिसके बाद साहिबाबाद डिपो से दुहाई वाले 17 किलोमीटर के खंड पर हाई स्पीड ट्रेन की शुरुआत हो गई है. आज यानी 21 अक्टूबर से ट्रेन लोगों की यात्रा के लिए शुरू हो चुकी है. पहले फेज में साहिबाबाद से दुहाई तक के लिए शुरू रैपिड रेल में मिनिमम किराया 20 रुपए रखा गया है.
जानें क्या होगा दिल्ली से मेरठ का किराया
रैपिड रेल में दो तरह के कोच ( स्टैंडर्ड और प्रीमियम ) की व्यवस्था की गई है. दोनों तरह के कोचों के लिए किराए की राशि भी अलग-अलग रखी गई है. यहां खास बात यह है कि रैपिड रेल में 90 सेमी से कम लंबाई वाले बच्चों से कोई किराया नहीं वसूला जाएगा. ऐसे बच्चे अपने माता-पिता या परिजनों के साथ मुफ्त यात्रा कर सकेंगे. जानकारी के अनुसार दिल्ली से मेरठ के बीच रेल के संचालन के बाद दिल्ली सराय काले खां से मेरठ तक का किराया 175 से 200 रुपए तक रखा जा सकता है.
मेट्रो से कैसे अलग है रैपिड रेल
- मेट्रो के स्टेशन एक किमी की दूरी पर हैं, जबकि रैपिड रेल के स्टेशनों की बीच दूरी करीब चार किलोमीटर है.
- मेट्रोल में सामान रखने के लिए रैक नहीं है. रैपिड रेल में रैक बनाए गए हैं.
- मेट्रो की हर सीट पर लैपटॉप व मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट नहीं है. रैपिड रेल में हैं.
- मेट्रो में खानपान की चीजें नहीं मिलती. रैपिड रेल में यह सुविधा है ( प्रीमियम कोच में )
- मेट्रो में स्ट्रेचर पर मरीज ले जाने की सुविधा नहीं है, रैपिड रेल में है.
- मेट्रो में प्रीमियम कोच नहीं होता, रैपिड रेल में प्रीमियम और स्टैंडर्ड दोनों कोच हैं.
- मेट्रोल पर पुलिस पोस्ट नहीं है. रैपिड रेल के हर स्टेशन पर पुलिस पोस्ट है.
- मेट्रोल के दरवाजे खुद खुलते हैं. रैपिड रेल में बटन दबाने से खुलेंगे.
- मेट्रो ट्रेन की मैग्जीमम स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा है. रैपिड रेल की 180 किलोमीटर प्रति घंटा है.
- मेट्रो के एक कोच में 50 सीट हैं, जबकि रैपिड रेल के कोच में 72 लोग बैठ सकते हैं.
Source : News Nation Bureau