1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष 2021-2022 की शुरुआत हो रही है और ऐसे में टैक्स से जुड़े अहम बदलाव भी लागू होने जा रही है. बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट में वित्त वर्ष 2021-22 के टैक्स स्लैब (Tax Slab) के नियमों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया था. हालांकि आयकर से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव कर दिया गया है जो कि 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे. बता दें कि बजट में सीनियर सिटिजन को वित्त मंत्री की ओर से आईटीआर (ITR) फाइल करने को लेकर बड़ी राहत का ऐलान किया गया था. इस ऐलान के तहत 75 वर्ष से ज्यादा की उम्र की वरिष्ठ नागरिकों को 1 अप्रैल 2021 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष से ITR फाइल करने की जरूरत नहीं होगी.
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सिर्फ ITR फाइल करने से आजादी, टैक्स से नहीं
हालांकि इसका फायदा सिर्फ उन्हीं वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा जिनकी आय सिर्फ पेंशन और बैंक में जमा रकम के ब्याज से होती है. यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को सिर्फ आईटीआर फाइल करने से छूट मिली है और बैंक ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के अकाउंट से टैक्स काटकर रकम दे देगा. मतलब यह कि सिर्फ ITR फाइल करने से आजादी मिली है टैक्स से नहीं. वहीं अगर वरिष्ठ नागरिक को पेंशन और ब्याज के अलावा भी कोई अन्य आय है तो आईटीआर फाइल करना जरूरी है.
आटीआर फॉर्म में दूसरे स्रोतों से आय से जुड़ी सभी कैल्कुलेशन पहले से होगी शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करदाताओं को आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए काफी आसानी होने जा रही है. मतलब यह कि पहले दूसरे स्रोतों से आय जैसे डिविडेंड, कैपिटल गेन, पोस्ट ऑफिस से मिला ब्याजा आदि जानकारियों को स्वयं भरना पड़ता था. सभी करदाताओं को अब 1 अपैल 2021 से प्री-फिल्ड आईटीआर फॉर्म मिलेगा. इस आटीआर फॉर्म में दूसरे स्रोतों से आय से जुड़ी सभी कैल्कुलेशन को पहले से ही शामिल किया जाएगा.
सरकार ने ITR फाइलिंग को बढ़ावा देने के लिए नियमों को किया सख्त
ITR नहीं फाइल करने वालों को नए वित्त वर्ष के शुरू होते ही मुश्किलें बढ़ जाएंगी. सरकार ने ITR फाइलिंग को बढ़ावा देने के लिए नियमों को सख्त कर दिया है. सरकार ने ITR फाइल करने के नियम को इनकम टैक्स की धारा 206एबी से जोड़ दिया है. इसके तहत अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में हैं और आपने आटीआर फाइल नहीं किया तो आपको दोगुना टीडीएस देना पड़ सकता है. इसके अलावा नए नियम के तहत इस तरह के लोगों के आय पर टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) भी ज्यादा लगेगा.
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इनकम टैक्स के नए नियम के मुताबिक EPF को टैक्स के दायरे में लाया गया है. इसके तहत एक वित्त वर्ष में ईपीएफ में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का अंशदान पर मिलने वाले ब्याज के ऊपर टैक्स लगेगा. बता दें कि मौजूदा समय में ईपीएफ में अधिकतम राशि जमा करने की कोई सीमा नहीं थी और साथ ही ब्याज भी पूरी तरह से करमुक्त था. वहीं अब नए नियम के तहत एक वित्त वर्ष में सिर्फ 2.5 लाख रुपये के अंशदान पर मिलने वाला ब्याज ही कर मुक्त रहेगा और इससे अधिक जमा राशि के ऊपर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स अदा करना होगा. बता दें कि सरकार ने भविष्य निधि कोष (Provident Fund-PF) में टैक्स फ्री अंशदान की सालाना सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. हालांकि यह छूट सिर्फ ऐसे मामलों में दी जाएगी, जिसमें सिर्फ कर्मचारियों द्वारा ही योगदान किया जाएगा. वहीं जिन पीएफ अकाउंट में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के द्वारा योगदान दिया जाता है, उनमें कर मुक्त अंशदान की सालाना ढाई-ढाई लाख रुपये की सीमा लागू रहेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल 1 फरवरी 2021 को पेश किए गए बजट में वित्त वर्ष 2021-22 से पीएफ अकाउंट में सालाना ढाई लाख रुपये से अधिक योगदान पर टैक्स लगाने का ऐलान किया था.
1 अप्रैल से सैलरी का नया नियम
1 अप्रैल से सैलरी का नया नियम लागू हो रहा है. नई वेतन संहिता (New Wag Code) के मुताबिक कर्मचारियों को हर महीने मिलने वाली पूरी रकम में सैलरी का हिस्सा 50 फीसदी होना चाहिए. हालांकि वेतन के दायरे में मूल वेतन, महंगाई भत्ता और Retaining Allowance शामिल हैं. इन तीनों को जोड़कर मिलने वाली कुल राशि महीने में मिलने वाली कुल रकम की आधी होनी चाहिए. वहीं बची हुई आधी राशि में अन्य भत्ते शामिल होंगे.
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सरकार ने बजट में केंद्रीय कर्मचारियों को राहत देते हुए एलटीसी स्कीम को नोटिफाई किया था. इसके तहत कोरोना वायरस की वजह से जो कर्मचारी LTC का फायदा नहीं उठा पाए थे. सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2021 से उन कर्मचारियों को यात्रा भत्ता अवकाश योजना में कैश वाउचर स्कीम का फायदा दिया जाएगा. वहीं केंद्र सरकार के कर्मचारियों को LTC के रकम पर टैक्स भी नहीं लगेगा. बता दें कि अब सरकारी और प्राइवेट कर्मचारियों को भी 1 अप्रैल से LTC टैक्स छूट का फायदा दिया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- वरिष्ठ नागरिकों को 1 अप्रैल 2021 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष से ITR फाइल करने की जरूरत नहीं होगी
- सरकार ने ITR फाइल करने के नियम को इनकम टैक्स की धारा 206एबी से जोड़ दिया है