Russia-Ukraine war: यूक्रेन (Ukraine) के हालात किसी से छिपे नहीं है. आज रूस (Russia)और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को तीसरा दिन हैं. वहां की जनता खौफ के साये में अपना जीवन बचाने में लगी है. लेकिन क्या आपको पता है इस वार से भारत में क्या असर पड़ेगा. जानकारों का मानना है कि इसका सबसे ज्यादा असर वाहनों (Vehicles)की खरीद पर पड़ने वाला है. बताया जा रहा है कि जो लोग हाल-फिलहाल वाहन खरीदने का मन बना रहे होंगे उन्हे हो सकता है ज्याद कीमत चुकानी पड़े. बताया जा रहा है वाहनों के कुछ पार्ट यूक्रेन और रूस आयात किये जाते हैं. जिनकी डिलिवरी कुछ दिनों के लिए बंद हो जाएगी. इसलिए वाहनों की कीमतों में उछाल आने की संभावनाएं जताई जा रही है. यही नहीं वाहनों की डिलिवरी भी डिले होने का दावा किया जा रहा है.
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एल्युमीनियम, जो वाहन की मैन्युफैक्चरिंग में मुख्य मैटिरियल है, उसकी कीमतें भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. बहुमूल्य धातुओं जैसे रोडियम, प्लेटिनम और प्लेडियम, जिनका ऑटोमोबाइल में कैटेलैटिक कन्वर्टर्स में इस्तेमाल किया जाता है, उनकी कीमतें 30 से 36 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. इसका कारण भी यूक्रेन और रूस तनाव ही बताया जा रहा है. इसके अलावा कच्चे तेल पर भी काफी असर पड़ने की संभावनाएं जताई जा रही है.
धातुओं के बड़े सप्लायर
आपको बता दें कि इन दिनों सबसे तेज बढ़ोतरी (rhodium) में देखी गई है, जिसकी कीमतें पिछली तिमाही के औसत के मुकाबले मौजूद तिमाही में 30 फीसदी बढ़ गई हैं. एल्युमीनियम, जो कुल कच्चे माल की लागत का करीब 10 से 15 फीसदी होता है, वह इस तिमाही में 20 फीसदी ज्यादा महंगा हो गया है और करीब 250 रुपये प्रति किलोग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. जानकारी के मुताबिक ऑटो कंपनियों का करीब 78 से 84 फीसदी रेवेन्यू कच्चे माल की कीमत की ओर जाता है. ज्यादा कच्चे माल की कीमत के बीच, कुल मार्जिन लंबी अवधि के औसत 27 से 32 फीसदी से 8 से 10 फीसदी कम रहा है.
- वाहनों की कीमत बढ़ने की संभावना
- इसके अलावा डिलिवरी पर भी पड़ेगा असर
- वाहनों के कुछ पार्ट यूक्रेन और रूस से किये जाते हैं आयात
Source : News Nation Bureau