Life Style News: फरवरी लगभग जाने को है, लेकिन इस बार जल्द ही गर्मी का अहसास होने लगा है. बदलते मौसम के साथ शारीरिक और मानसिक बदलाव (mental change)भी देखने को मिल रहे हैं. दिन में थोड़ा सा काम करने के बाद थकान के साथ ठहराव सा आने लगा है. बार-बार मन में एक ही विचार आता है कि जीवन में कुछ बेहतर नहीं हो रहा है. विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक अवसाद (Seasonal Disorder)की यह समस्या मौसम आए बदलाव की वजह से होती है. जब गर्मियों के बाद सर्दी आती है तब भी कुछ इस तरह की मानसिक समस्याएं मनुष्य को घेर लेती हैं. साथ ही जब सर्दी से गर्मी का आगमन होता है तब भी ऐसा ही होता है..
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञ चिकित्सक डॅा, रवि राणा बताते हैं कि मेडिकल साइंस में इस समस्या को सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है. वो आगे कहते हैं कि ये कोई बीमारी नहीं है, बल्कि शरीर पर मौसम के पड़ने वाले प्रभाव का असर होता है. क्योंकि तीन से चार माह में हमारी बॅाडी एक तरह के मौसम में ढल जाती है. दूसरे मौसम को अबजोर्व करने में बॅाड़ी को थोड़ा वक्त चाहिए होता है. इसलिए मन में थकान और अवसाद जैसी समस्याएं आ जाती हैं. इनसे घबराने की जरूरत नहीं है. जैसे ही एक मौसम को 15 से 20 दिन बीत जाते हैं. स्वत: ही ये परेशानी ठीक होने लगती है.
हर उम्र के लोगों को होता है अवसाद
डॅा, राणा बताते हैं कि सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर की कोई उम्र नहीं होती. अवसाद हर उम्र के लोगों को हो सकता है. इन दिनों स्टूडेंट्स के एग्जाम चल रहे हैं. बच्चों को एग्जाम एक बोझ की तरह दिखाई देने लगें या पढ़ने में मन न लगे तो ये भी अवसाद का कारण हो सकता है. यही नहीं अचानक गर्मी आने से बाई पोलर डिस्ऑर्डर भी शुरू हो जाता है. जिसकी वजह से लोगों को जिंदगी बोझिल सी लगने लगती है. गर्मी शुरू होते ही इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं खासकर जो लोग किसी मानसिक दबाव में पहले से होते हैं, उनके लिए समस्या ज्यादा रहती है. अवसाद से घबराने की जरूरत नहीं है. व्यायाम व योग से इसपर काबू पाया जा सकता है.
क्या कहना है इनका
मेडिकल कालेज में उपचार के लिए आए सेक्टर 15 निवासी नितिन बताते हैं कि पिछले एक सप्ताह से मन में निगेटिव विचारों का कब्जा रहता है. हर वक्त अपने आप को फेलियोर समझता रहता हूं. काम में मन नहीं लगता, साथ ही बॅाड़ी में एक अजीब प्रकार की थकावट सी महसूस करता हूं. वहीं सेक्टर 126 निवासी नेहा पेशे से टीचर है, बताती है कि पिछले तीन दिनों से स्कूल जाने का बिल्कुल मन नहीं है. जाती हूं तो पढ़ाने का मन नहीं होता. चेयर पर बैठकर कुछ बरे से ख्याल मन में आते रहते हैं.
ऐसे किया जा सकता है बचाव
हेल्दी लाइफस्टाइल से समस्या से निजात पाई जा सकती है
सही खान-पान से भी समस्या काफी हद तक ठीक हो जाती है
अल्कोहल और धूम्रपान से बचें , परिवार, दोस्तों और प्रियजनों के साथ समय बिताएं
HIGHLIGHTS
- चिकित्सकों के पास बढ़ी अवसाद वाले मरीजों की भीड़
- मौसम बदलने पर आती हैं अक्सर ये समस्याएं