seasonal affective: दिन थोड़े-थोड़े सर्द होने लगे हैं. गर्मी का मौसम एकदम चला सा गया है. इस अवस्था में सिर्फ मौसम में ही बदलाव नहीं आते, बल्कि मनुष्य के जीवन में भी शारीरिक व मानसिक बदलाव (physical and mental changes) आने शुरू हो जाते हैं. व्यक्ति कई बार अपने आप को थका-थका सा महसूस करता है. काम में मन नहीं लगता है. साथ ही हर वक्त निराशा का का भाव मन पर हावी रहता है. एक्सपर्ट के मुताबिक ये एक तरह का अवसाद है. जो मौसम बदलने पर आपको दिखाई देती हैं. विशोषज्ञ चिकित्सक के मुताबिक इस अवसाद को मेडिकल भाषा में एसडी यानि सीजनल इफेक्टिव डिऑर्डर (seasonal affective order)कहा जाता है.
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बच्चों में भी समस्या
डॉ. नितेश सिंह बताते हैं कि गर्मियों के बाद जब अचानक सर्दियों का मौसम शुरू होता है तो सीजनल इफेक्टिव डिऑर्डर की समस्या सिर्फ बड़ो में ही नहीं होती. बल्कि बच्चों में भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है. इसी वजह से बच्चे चिढ़चिढ़े हो जाते हैं. लेकिस इस समस्य़ा से घबराकर उल्टी-सीधी दवाइंया खाने की जरुरत नहीं है. ये मौसम का इफेक्ट होता है. जैसे ही सर्दियां और बढ़ेगी बॅाड़ी उसी मौसम में ढल जाती है.
सेक्टर 126 निवासी लोकेश (18 वर्ष) बताते हैं कि पिछले तीन दिनों से मन में निगेटिव विचारों का कब्जा रहता है. हर वक्त अपने आप को फेलियोर समझता रहता हूं.
डिप्रेशन की दवाएं हैं घातक
मनोचिकित्सक रवि सचान के मुताबिक जब व्यक्ति को छोटी समस्या भी बहुत बड़ी दिखने लगे तो वह अपने आपको डिप्रेशन में समझकर दवाएं खाने लगते हैं. जो बहुत ही खतरनाक है. डिप्रेशन की दवाएं मनुष्य के हार्ट पर असर डालती हैं. इसलिए मौसम में बदलाव के कारण मानसिक स्थिति को ठीक करने के लिए डिप्रेशन की दवाएं बिल्कुल भी न लें. अन्यथा नुकसान हो सकता है. वहीं मनोचिकित्सक राखी तेवतिया बताती हैं इस समय उनके यहां भी डिप्रेशन के मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है. लेकिन सभी मरीज मौसम के बदलाव के कारण होने वाले प्रभाव से ही ग्रसित हैं.
HIGHLIGHTS
- लोगों के जीवन में आने लगा ठहराव, मन रहता अशांत
- छोटी सी समस्या भी लगने लगती है बड़ी, व्यक्ति समझने लगता है अपने आप को लूजर
Source : News Nation Bureau