दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया है. अक्टूबर के पहले दस दिनों में 30 हजार से ज्यादा गाड़ियों की चेकिंग की गयी. जिनमें से 1768 चालान किए गए हैं. खास बात यह है कि 98 प्रतिशत से ज्यादा चालान प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) से जुड़े हैं, यानी 1741 चालान उन गाड़ियों के मालिकों के किए गए हैं जो या तो बिना पीयूसी के गाड़ी चला रहे थे. पीयूसी से जुड़ा चालान दस हजार रुपए का किया जा रहा है. परिवहन विभाग के जॉइंट कमिश्नर नवलेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि परिवहन विभाग ने दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया है और एनफोर्समेंट की टीमें पूरी दिल्ली में लगाई गई हैं.
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उनका कहना है कि लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है और अभियान का असर यह है कि अब रोजाना 35 हजार से ज्यादा पीयूसी जारी हो रहे है और पिछले दो दिनों में ही 75 हजार पीयूसी जारी हुए हैं. आम दिनों में 6 से 8 हजार पीयूसी ही रोज जारी हो रहे थे. उनका कहना है कि 1 अक्टूबर से विभाग ने यह अभियान शुरू किया था और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को चलने से रोकने में सफलता हासिल हो रही है. वही 8 अक्टूबर को 409, 9 अक्टूबर को 486 चालान किए गए.
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पूरी दिल्ली में टीम अपनी ड्यूटी पर लगी हुई है. परिवहन विभाग की 50 से ज्यादा टीमें प्रदूषण के खिलाफ अभियान चला रही है. जिन गाड़ियों का पीयूसी एक्सपायर हो रहा है, उनके मालिकों को परिवहन विभाग की ओर से मैसेज भी भेजे जा रहे है. मोटर वीइकल एक्ट की धारा-190 (2) के तहत बिना पीयूसी के गाड़ी चलाने पर दस हजार रुपये का जुर्माना होगा और साथ ही तीन महीने तक की सजा भी हो सकता है. लाइसेंस सस्पेंड भी हो सकता है.