Soil Health Card: अगर आप भी गांव में रहते हैं साथ ही खेती के अलावा कुछ नए रोजगार की तलाश कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है. क्योंकि सरकार ऐसे युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही है. लेकिन सरकारी योजना जानकारी के अभाव में दम तोड़ती नजर आ रही है. लोगों की समस्या को देखते हुए सरकार ने बेरोजगार ग्रामीण युवाओं के लिए सोइल हेल्थ कार्ड लॅान्च किया था. ताकि व्यापार से जुड़कर लोगों को रोजगार मिल सके. लेकिन अभी तक भी लोगों ने व्यापार से जुड़ने की कोई खास रूची नहीं दिखाई है.
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सरकार ने टेस्टिंग लैब खोलने का दिया था मौका
दरअसल, 2020 में कोरोना आने के बाद बहुत सी कंपनियां बंद हो गई थी. उस समय काफी युवाओं ने अपने गांव में लौटने का फैसला लिया था. उसके बाद ही केन्द्र सरकार ने सॉइल हेल्थ कार्ड योजना लॅान्च की थी. जिसमें आस-पास के क्षेत्र की मिट्टी की जांच करने के लिए इस योजना का शुरूआत की थी. आपको बता दें कि फिलहाल देश के ग्रामीण इलाकों में ऐसे लैब बेहद ही कम हैं. अगर आप इस कारोबार में दिलचस्पी रखते हैं, तो इसे शुरू करके बढ़िया आमदनी अपने गांव में ही कर सकते हैं. आपको बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में तमाम रोजगार की संभावनाएं दिखाई पड़ती हैं..
ये है स्कीम की पात्रता
सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत 18 से 40 साल के व्यक्ति अपने पंचायत में मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित कर सकते हैं. लेकिन इस स्कीम का लाभ वही लोग उठा पाएंगे, जो एग्री क्लीनिक, कृषि उद्यमी ट्रेनिंग के साथ 10वीं पास किए होंगे. इस स्कीम के लिए वही लोग आवेदन कर पाएंगे, जिनका किसान परिवार से सबंध हो. इस मिनी सॉइल टेस्टिंग लैब स्थापित करने के लिए आपको अपने जिले के उपनिदेशक (कृषि) अथवा संयुक्त निदेशक कृषि से उनके ऑफिस जाकर संपर्क करना होगा. इसके अलावा agricoop.nic.in वेबसाइट और soilhealth.dac.gov.in पर भी टेस्टिंग लैब स्थापित करने के लिए संपर्क किया जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- रोजगार की तलाश में भटक रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर
- गांव में खेती किये बगैर भी कर सकते हैं लाखों की कमाई
- सरकारी व्यापार के साथ जुड़कर भूल जाएंगे नौकरी
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