कल्पना कीजिए, अगर आपको सप्ताह में एक या दो के बदले तीन-तीन साप्ताहिक अवकाश मिलने लगे और बाकी 4 दिन केवल 6 घंटे ही काम करने हों तो क्या होगा. आपकी लाइफ बदल जाएगी. आप अपने परिवार को अधिक समय दे पाएंगे और आपकी उत्पादकता बेहतर हो जाएगी. तो कल्पना से बाहर आइए. फिनलैंड में यह बात सच होने जा रही है. दुनिया और फिनलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री सना मारिन काम के घंटों को घटाने जा रही हैं. अगर उनका प्रस्ताव लागू हो जाता है तो हफ्ते में तीन दिन साप्ताहिक अवकाश मिलने लगेगा और बाकी 4 दिन केवल 6 घंटे ही काम करने होंगे.
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34 साल की मरीन का तर्क है कि उत्पादकता में सुधार और लोगों को पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखने में यह नया प्रस्ताव मददगार साबित होगा. फिनलैंड में अभी हफ्ते में 5 दिन रोजाना 8 घंटे काम करने का नियम लागू है. सना मारिन कहती हैं, इस तरह की कार्यप्रणाली से परिवार तो मजबूत होगा ही, देश की उत्पादकता भी बढ़ेगी.
फिनलैंड से पहले स्वीडन में 2015 से यह प्रस्ताव लागू हो चुका है और सना मारिन ने स्वीडन को देखते हुए ही ऐसा प्रस्ताव किया है. सना मारिन का कहना है कि स्वीडन ने ऐसा बदलाव कर अपनी उत्पादकता काफी बढ़ाई है और वहां एक अलग तरह की क्रांति देखने को मिली.
मरीन का कहना है कि लोगों को अपने परिवार, प्रियजनों संग अधिक समय बिताने चाहिए. ऐसा करने से लोगों को ज्यादा से ज्यादा समय मिलेगा. लोग दोगुनी क्षमता से अपने काम को करेंगे. लोगों ने भी मरीन के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है.
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2019 में परिवहन मंत्री रहते समय मारिन ने प्रस्ताव पेश किया था लेकिन तब उनका यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया था. उस समय यह तर्क दिया गया था कि इससे देश को फायदा कम और नुकसान ज्यादा होगा. इससे पहले पिछले साल नवंबर में माइक्रोसॉफ्ट ने हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.
Source : News Nation Bureau