भारत बंद की वजह से दो दिन होगी खूब परेशानी, बैंक समेत इन सरकारी सेवाओं पर असर

केंद्र सरकार की जन-विरोधी आर्थिक नीतियों और श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र श्रमिक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है.

author-image
Shravan Shukla
एडिट
New Update
बैंकिंग सेवा

बैंकिंग सेवा( Photo Credit : File)

Advertisment

सरकारी सेवाओं में लगे कर्मचारियों और उनके संगठनों ने आज से दो दिन के भारत बंद का ऐलान किया है. केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 28-29 मार्च को बंद बुलाया था. इसकी जानकारी पहले ही सभी को दे दी गई थी. इस बंद को लगभग सभी प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने समर्थन दिया है. हालांकि इस बंद को लेकर भारतीय मजदूर संघ ने कहा कि वह इस हड़ताल में शामिल नहीं होगा. संघ ने कहा कि यह आगामी हड़ताल राजनीति से प्रेरित है और इसका एक मात्र उद्देश्य राजनीतिक लाभ लेना है इसलिए संघ इसमें शामिल नहीं होगा.

भारत बंद की प्रमुख मांगें

केंद्र सरकार की जन-विरोधी आर्थिक नीतियों और श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र श्रमिक यूनियनों ने दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है. इनकी प्रमुख मांगों में श्रम संहिता को समाप्त करना, किसी भी प्रकार के निजीकरण को रोकना, राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन को समाप्त करना, मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आवंटन बढ़ाना और ठेका श्रमिकों को नियमित करना शामिल है. ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन ने कहा, ‘‘हमने हड़ताल के इस आह्वान का समर्थन करने का फैसला किया है.

बंद से बैंकिंग सेक्टर सर्वाधिक प्रभावित

दो दिवसीय भारत बंद की वजह से बैंकिंग सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित होने वाला है. आम कामकाज पर असर पड़ेगा. क्योंकि अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने हड़ताल को अपना समर्थन देने की घोषणा की है. भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान मोदी सरकार की उन नीतियों के खिलाफ किया जा रहा है, जिनसे कर्मचारी, किसान और आम जनता प्रभावित हो रही है. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने फेसबुक (Facebook) पर लिखा कि बैंकिंग सेक्टर भी इस हड़ताल में शामिल होगा. एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा कि बैंक यूनियन की मांग है कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण बंद करे और उन्हें मजबूत करे. इसके अलावा हमारी मांग है कि डूबे कर्ज की वसूली को तेज किया जाए, बैंक जमा पर ब्याज बढ़ावा जाए, सेवा शुल्कों में कमी की जाए और पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए. 

इन बैंकों पर ज्यादा असर

सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा है कि हड़ताल की वजह से उसकी सेवाओं पर कुछ हद तक सीमित असर पड़ सकता है. एसबीआई ने कहा कि उसने अपनी सभी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रबंध किए हैं. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने कहा कि है कि एआईबीईए, बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) तथा ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) ने 28 और 29 मार्च को हड़ताल का नोटिस दिया है. बेंगलुरु मुख्यालय वाले केनरा बैंक ने भी कहा है कि हड़ताल की वजह से सामान्य बैंकिंग कामकाज प्रभावित हो सकता है. 

इन सेक्टर के कर्मचारियों से की गई है हड़ताल में शामिल होने की अपील

कोयला, इस्पात, तेल, टेलिकॉम, पोस्टल, इनकम टैक्स, तांबा, बैंक, बीमा जैसे क्षेत्रों में यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है. इसके साथ ही रोडवेज, परिवहन कर्मियों और बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है.

ये भी पढ़ें: Google पर गलती से भी सर्च न करें ये 5 चीजें, छोटी से भूल पहुंचा सकती है जेल

बिजली मंत्रालय ने जारी की ये चेतावनी

बिजली मंत्रालय ने आज सभी सरकारी कंपनियों और अन्य एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रहने और चौबीसों घंटे बिजली आपूर्ति और राष्ट्रीय ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने की सलाह दी. मंत्रालय की सलाह में कहा गया है कि अस्पतालों, रक्षा और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए.
(इनपुट एजेंसियों के साथ)

HIGHLIGHTS

  • आज से दो दिवसीय भारत बंद का आयोजन
  • ट्रेड यूनियनों ने बुलाया है भारत बंद
  • केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में भारत बंद
bharat-bandh भारत बंद Bank strike Central Trade Unions
Advertisment
Advertisment
Advertisment