Employees Provident Fund Organisation: अगर आपके EPF अकाउंट में आपका नाम, पिता का नाम, पीएफ अकाउंट नंबर, जन्मतिथि, कंपनी ज्वाइन करने की तारीख और कंपनी छोड़ने की तारीख में कुछ गड़बड़ी हो गई है तो घबराने की जरूरत नहीं है. EPFO की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ऑफलाइन मोड में ईपीएफ अकाउंट में नाम आदि में संशोधन के लिए अकाउंट होल्डर होने की वजह से आपको अपनी और कंपनी की ओर से एक जॉइंट डिक्लेरेशन फॉर्म की जरूरत होती है. इसके अलावा आपको कुछ जरूरी दस्तावेज भी साथ में जमा करना होता है.
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रीजनल ईपीएफओ कमिश्नर के पास भेजना होता है फॉर्म
पूरी तरह से भरे हुए फॉर्म को रीजनल ईपीएफओ कमिश्नर के पास भेजना होता है. इस फॉर्म के जरिए कर्मचारी अपना नाम, पिता या पति का नाम, पीएफ या ईपीएस अकाउंट नंबर, जन्मतिथि, कंपनी ज्वाइन करने की तारीख और कंपनी छोड़ने की तारीख को सही करा सकता है. बता दें कि ये सभी कॉलम फॉर्म में रहते हैं. हालांकि कर्मचारी को जिस चीज को सही कराना है उसे ही भरना चाहिए. फॉर्म पर कर्मचारी और कंपनी की ओर से संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर और कंपनी की सील लगने के बाद कर्मचारी इस फॉर्म को संबंधित EPFO अधिकारी को भेज सकता है.
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ऑनलाइन मोड के जरिए भी कराया जा सकता है संशोधन
कर्मचारी ऑनलाइन मोड के जरिए भी संशोधन करा सकते हैं. कर्मचारी यूएएन मेंबर पोर्टल के जरिए स्वंय ई-केवाईसी कर सकता है. हालांकि इसे कंपनी द्वारा मंजूरी मिलना जरूरी है. दरअसल, EPF के आंकड़ों में सुधार की प्रक्रिया के तहत UAN पोर्टल के जरिये कर्मचारी के नाम, जन्म दिन या किसी और आंकड़ें में बदलाव कर नियोक्ता के पास भेज देगा. सिस्टम नए बदलाव पर गौर करेगा और उसे आधार (Aadhar) से मिलान करेगा. वैरिफिकेशन पूरा हो जाने के बाद यह आवेदन कंपनी को ट्रांसफर कर दिया जाएगा. इस प्रक्रिया के बाद कंपनी इस आवेदन को EPFO के पास भेज देगा और EPFO इस आवेदन के मुताबिक आवश्यक सुधार कर देगा.