ठंड के मौसम में कोहरे की वजह से अकसर बड़ी रेल दुघर्टना होने का डर बना रहता है. ऐसे में नए साल में दुर्घटनाओं पर पाबंदी लगाने के लिए प्रशासन ने बेहतरीन तरीका खोज निकाला है. अब पर्वोत्तर रेलवे के रनिंग स्टाफ (लोको पायलट) घंटा बजाकर दुघर्टना को रोकने का प्रयास करेंगे. इसके साथ शपथ लेंगे कि वे पूरी सतर्कता के साथ ट्रेन चलाएंगे. ट्रेन लाल सिग्नल पार नहीं करेंगे. गोरखपुर स्थित रेलवे स्टेशन के डीजल लाबी में नई व्यवस्था की शुरुआत की गई है. प्रबंधन ने लाबी में घंटा टांग दिया है. साइन आन करने (ड्यूटी पर जाने से पहले हाजिरी लगाना) से पहले लोको पायलट घंटा बजाने लगे हैं. हालांकि, लोको पायलटों में यह उत्सुकता बनी हुई है कि आखिर घंटा बजाने का मतलब क्या है.
जानकारों के अनुसार यह व्यवस्था वर्तमान स्टाफ को सतर्क करने के लिए होगी. लोको पायलट अपने उत्तरदायित्वों के प्रति जागरूक रहेंगे. नौकरी के दौरान उन्हें अपनी शपथ याद रहेगी. यह घंटा 24 घंटे दुर्घटना रहित ट्रेन संचालन की अहसास दिलाएगा. दरअसल, कोहरे में दुर्घटनाओं की आशंकाएं ज्यादा हो जाती हैं.
लाल सिग्नल पार कर जाती हैं ट्रेनें
दरअसल अमूमन ट्रेनें लाल सिग्नल को पार कर जाती हैं. पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने के लिए लगातार अभियान चला रहा है. बीते एक वर्ष से पूर्वोत्तर रेलवे में एक भी ऐसी दुर्घटना नहीं हुई है.
मोबाइल से लग रही हाजिरी
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि वर्तमान स्टाफ की आनलाइन अटेंडेंस अनिवार्य कर दी है. चालक अपने मोबाइल पर ही हाजिरी लगा रहे हैं. काम के दौरान रनिंग स्टाफ को अपने उत्तरदायित्व याद रखना होगा. इसके लिए नए प्रयोग किए गए हैं. इस तरह से दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- रेलवे प्रशासन ने दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने के लिए लगातार अभियान चला रहा है
- व्यवस्था वर्तमान स्टाफ को सतर्क करने के लिए होगी
Source : News Nation Bureau