ट्रेन से यात्रा करना हर किसी को पसंद है. भारतीय रेलवे (Indian Railway) यातायात का सबसे सस्ता और सुलभ साधन है. ट्रेन का सफर हर किसी को काफी आरामदायक लगता है. अपनी यात्रा को आसान बनाने के लिए भी अधिकतर लोग ट्रेन से सफर करना चाहते हैं. आपको बता दें कि भारत में कुछ रेलवे स्टेशन (Unique railway station in india) ऐसे हैं जो कि काफी अद्भुत है. कुछ खास रेलवे स्टेशंस ऐसे हैं जिनकी एक अलग ही बात है. आपको जान के हैरानी होगी कि इन खास रेलवे स्टेशन से यात्रा करने के लिए यात्रियों को वीजा लेना पड़ता है. अगर आप इन रेलवे स्टेशनों से बिना वीजा के यात्रा करते हैं तो आपको जेल भी हो सकती है. इसलिए इन स्टेशनों से यात्रा करने से पहले आप अपना वीजा अवस्य बनवा लें. तो चलिए अब हम आपको बताते हैं ऐसे कुछ महान रेलवे स्टेशनों के नाम जिनको जानकार आपके भी होश उड़ने वाले हैं.
अटारी रेलवे स्टेशन ( Atari Railway Station)
विदेश जाने के लिए वीजा और पासपोर्ट सुना था, पर रेलवे स्टेशन के अंदर जाने के लिए भी वीजा चाहिए। सुनने में बड़ा अजीब लगता है लेकिन यही सच है. अटारी रेलवे स्टेशन देश का इकलौता अंतरराष्ट्रीय एयरकंडीशनर रेलवे स्टेशन है.इस स्टेशन पर 24 घंटे सुरक्षा बलों की निगरानी रहती है, ऐसे में अगर कोई व्यक्ति बिना वीजा (Visa) के मिल जाता है तो उस व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है. इस स्टेशन से यात्रा करने के लिए पाकिस्तानी वीजा अनिवार्य कर दिया गया है. कोई भी व्यक्ति अटारी रेलवे स्टेशन से बिना वीजा यात्रा नहीं कर सकता है.
भवानी मंडी रेलवे स्टेशन (Bhawani Mandi Railway Station)
मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित यह रेलवे स्टेशन कई मायनों में बेहद खास है. कोटा संभाग में पड़ने वाले इस स्टेशन का नाम भवानी मंडी रेलवे स्टेशन है जो राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच बंटा हुआ है. भारत का यह एक ऐसा इकलौता रेलवे स्टेशन है जहां पर लोग टिकट लेने के लिए राजस्थान में खड़े होते हैं और टिकट देने वाला क्लर्क मध्य प्रदेश में बैठता है. और इतना ही नहीं ट्रेन का डब्बा भी राजस्थान में खड़ा होता है तो ट्रेन का इंजन मध्य प्रदेश में.
बिना नाम वाला रेलवे स्टेशन
आपको बता दें कि भारत में 2 ऐसे रेलवे स्टेशन भी है जिसका कोई नाम नहीं है. आपको ये जानकार हैरानी तो हो रही होगी लेकिन यही सच है. पश्चिम बंगाल के बर्धवान जिले में स्थित एक रेलवे स्टेशन ऐसा है जिसका कोई नाम ही नहीं है. 2008 में भारतीय रेलवे ने पश्चिम बंगाल के बर्धवान जिले में बर्धवान टाउन से करीब 35 किलोमीटर दूर एक नया स्टेशन बनाया था. लेकिन अस्तित्व में आने के बाद से ही इस स्टेशन को बिना नाम वाले स्टेशन के तौर पर जाना जाता है. इसके अलावा झारखंड में रांची रेलवे स्टेशन से टोरी की ओर जाने वाली लाइन पर ट्रेन जब लोहरदगा से आगे बढ़ती है तो एक ऐसा रेलवे स्टेशन आता है, जिसका भी कोई नाम ही नहीं है.
नवापुर रेलवे स्टेशन (Navapur Railway Station)
नवापुर रेलवे स्टेशन भी उन्ही स्टेशनों में शामिल है जहां रेलवे स्टेशन दो राज्यों में बंटा हुआ है. यह रेलवे स्टेशन ऐसा है जिसका आधा हिस्सा गुजरात (Gujrat) में आता है और दूसरा हिस्सा महाराष्ट्र (Maharashtra) में आता है. सबसे खास बात कि इस रेलवे स्टेशन पर एक कुर्सी भी रखी है, जिसका एक हिस्सा गुजरात में है और दूसरा महाराष्ट्र में. यह सुनने में बड़ा ही अजीब लग रहा हो, लेकिन यह सच है. इतना ही नहीं, इस स्टेशन पर चार अलग-अलग भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती और मराठी में अनाउंसमेंट होता है, ताकि महाराष्ट्र और गुजरात दोनों राज्यों से आने वाले यात्रियों को समझने में आसानी हो.
Source : News Nation Bureau