UP के 22 लाख कर्मचारियों (22 lakh employees) के लिए अच्छी खबर है. यूपी सरकार अपने 22 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए कैशलेस इलाज (cashless treatment) की सुविधा शुरु करने की योजना बनाई है. जानकारी के मुताबिक 21 जुलाई को मुख्यमंत्री विधिवत रूप से सुविधा का शुभारंभ करेंगे. आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग (health Department)ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. बस योजना लागू करने के लिए मुख्यमंत्री (Chief Minister) की सहमती का इंतजार स्वास्थ्य विभाग कर रहा है. जानकारी के मुताबिक अपने कर्चारियों को ये सुविधा देने वाला यूपी देश का पहला राज्य होगा. जहां कर्मचारियों और पेंशनरों को इलाज की कैशलेस सुविधा सरकार की ओर से मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कर्मचारियों का हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा.
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आपको बता दें कि सरकारी अस्पतालों में खर्च कोई सीमा नहीं होगी. जबकि कर्मचारी और पेंशनर्स साथ ही उनके परिजन निजी अस्पतालों में 5 लाख रुपए तक कैशलेस इलाज करा सकेंगे. वहीं सरकारी संस्थानों में खर्च की कोई समय-सीमा नहीं होगी. इसके अलावा सरकार पहले भुगतान करके रिंबर्समेंट लेने की पुरानी व्यवस्था भी खत्म नहीं करेगी. नई व्यवस्था से कर्मचारियों और पेंशनरों को सरकारी अस्पतालों, विभाग और सीएमओ के चक्कर काटने से भी मुक्ति मिल जाएगी. कई महंगी जांचें और बीमारियों का इलाज भी अब आयुष्मान योजना की जद में आने से लोगों को बड़ी सुविधा मिल सकेगी.
ऐसे में लाभुकों की संख्या 80 लाख के करीब होगी. इन परिवारों को आयुष्मान योजना में पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों में प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक के इलाज की मुफ्त सुविधा मिलेगी. जबकि सरकारी अस्पतालों में इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी. सभी कर्मचारियों का हेल्थ कार्ड होगा, जिस पर एक यूनिक नंबर दिया जाएगा.