Advertisment

Voter ID को Aadhar से लिंक करने के ये होंगे खास फायदे

प्रस्तावित 4 सुधारों में सबसे महत्वपूर्ण इलेक्शन कमीशन को आधार नंबर को वोटर सूची से जोड़ने की मंजूरी देना है, लेकिन यह योजना इच्छा पर बढ़ाई जाएगी.

author-image
Deepak Pandey
New Update
voter

Voter ID को Aadhar से लिंक करने के ये होंगे खास फायदे( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

भारत सरकार ने चुनाव की प्रक्रिया में सुधार को मद्देनजर रखते हुए चुनाव आयोग के वोटर आईडी को आधार से जोड़ने के प्रस्ताव पर एक कदम और बढ़ा दिया है. मतदाताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी करने के लिए 18 वर्ष पूरे करने वाले युवाओं का पंजीकरण भी शामिल है. इस सुधार पर एकमत होने के बाद शीतकालीन सत्र 2021 में इस विधेयक को प्रस्तुत किया जाना है. देश के पांच राज्यों गोवा, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मणिपुर में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए यह फैसला काफी अहम साबित हो सकता है. 

प्रस्तावित 4 सुधारों में सबसे महत्वपूर्ण इलेक्शन कमीशन को आधार नंबर को वोटर सूची से जोड़ने की मंजूरी देना है, लेकिन यह योजना इच्छा पर बढ़ाई जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार, 4 प्रस्तावों में दूसरा बड़ा प्रस्ताव हर वर्ष 4 बार वोटर लिस्ट में नए वोटरों के नाम दर्ज करने से जुड़ा है. हालांकि, जो युवा 1 जनवरी को 18 वर्ष के होते हैं, साल में एक बार उन्हें साअपना नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने का मौका मिलता है. इलेक्शन कमीशन ने वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए कई कट ऑफ डेट की डिमांड की है, क्योंकि आयोग का मानना है कि 1 जनवरी होने से कई लोग वोटर लिस्ट में शामिल होने से रह जाएंगे. 

रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने संसदीय समिति के समक्ष लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 14 (ब) में संशोधन को प्रस्ताव दिया. इसके अनुसार वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए 4 तिथि 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर रखने की बात कही गई है. 

केंद्रीय कानून मंत्री ने पिछले वर्ष मार्च में कहा था कि इलेक्शन कमीशन ने आधार डेटाबेस का इस्तेमाल त्रुटिरहित चुनाव की तैयारी सुनिश्चित करने और प्रविष्टियों के दोहराव को रोकने के लिए प्रस्ताव दिया था. इसके लिए मंत्रालय को 1951 के लोक प्रतिनिधि कानून में बदलाव करने की जरूरत पड़ी. साथ ही आधार अधिनियम 2016 में भी बदलाव करने की जरूरत बताई गई. रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद में कहा था कि आधार कार्ड से वोटर आईडी लिंक करने से अलग-अलग स्थानों पर एक ही व्यक्ति के नामांकन को रोकने में मदद मिलेगी.

पिछले साल मार्च में संसदीय स्थायी समिति ने लोक शिकायत, कानून और न्याय पर प्रस्तुत 101वीं रिपोर्ट में कहा था कि फरवरी 2015 में इलेक्शन कमीशन ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. इस पायलट प्रोजेक्ट का नाम राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण और प्रमाणीकरण कार्यक्रम (NERPAP) था. अगस्त 2015 में इस प्रोजेक्ट को न्यायमूर्ति केएस पुट्टस्वामी (सेवानिवृत्त) और एक अन्य बनाम भारत संघ के निजता के संरक्षण के फैसले से रोका गया था, जिसने 'आधार योजना और आधार की वैधता अधिनियम 2016' को चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी संस्थाओं में आधार कार्ड के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी.

इसके बाद नए प्रस्ताव के साथ 2019 में भारतीय चुनाव आयोग ने फिर से कानून मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया था. इसमें वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने की बात कही गई थी. तत्कालीन कानून मंत्री ने कहा था कि वोटर लिस्ट डेटा की सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग ने कई कदम उठाए हैं और आधार कार्ड का उपयोग सिर्फ प्रमाणिकता जांचने के उद्देश्य से किया जाता है. 

Source : News Nation Bureau

election commission Pan Card Voter ID card Aadhaar card Id Card
Advertisment
Advertisment
Advertisment