प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य अभियान (Ayushman Bharat Digital Mission-PM-DHM): जन धन, आधार और मोबाइल (जेएएम) ट्रिनिटी और सरकार की अन्य डिजिटल पहलों के रूप में तैयार बुनियादी ढांचे के आधार पर, पीएम-डीएचएम स्वास्थ्य संबंधी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा, गोपनीयता और निजता को सुनिश्चित करते हुए एक विस्तृत श्रृंखला के प्रावधान के माध्यम से डेटा, सूचना और जानकारी का एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा जिससे बुनियादी ढांचा सेवाओं के साथ-साथ अंतर-प्रचालनीय और मानक-आधारित डिजिटल प्रणाली का विधिवत लाभ उठाया जा सकेगा. इस अभियान के अंतर्गत नागरिकों की सहमति से स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक पहुंच और आदान-प्रदान को सक्षम बनाया जा सकेगा.
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प्रधानमंत्री-डीएचएम के प्रमुख घटकों में प्रत्येक नागरिक के लिए एक स्वास्थ्य आईडी शामिल है जो उनके स्वास्थ्य खाते के रूप में भी कार्य करेगी, जिससे व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है. इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (एचपीआर) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां (एचएफआर), आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक संग्रह के रूप में कार्य करेंगी. यह चिकित्सकों/अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा.
सभी नागरिकों का बनेगा हेल्थ कार्ड
प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य अभियान के तहत देश के प्रत्येक नागरिकों का एक हेल्थ आईडी बनेगा. इसके जरिए पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ दिया जाएगा. अभियान के एक हिस्से के रूप में तैयार किया गया पीएम-डीएचएम सैंडबॉक्स, प्रौद्योगिकी और उत्पाद जांच के लिए एक ढांचे के रूप में कार्य करेगा और ऐसे निजी संगठनों को भी सहायता प्रदान करेगा, जो राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य परितंत्र का हिस्सा बनते हुए स्वास्थ्य सूचना प्रदाता या स्वास्थ्य सूचना उपयोगकर्ता अथवा पीएम-डीएचएम के तैयार ब्लॉक्स के साथ कुशलता से स्वयं को जोड़ने की मंशा रखते हैं. भुगतानों के मामले में क्रांतिकारी बदलाव के रूप में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस द्वारा निभाई गई भूमिका के समान ही यह अभियान डिजिटल स्वास्थ्य परितंत्र के भीतर भी अंतर-प्रचालन क्रियाशीलता लाएगा और इसके माध्यम से नागरिक सिर्फ एक क्लिक के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच सकेंगे.
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ये फायदे होंगे
यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीजों को कई तरह के फायदे होंगे. इसके जरिए डॉक्टर को दिखाने के लिए मरीज को फाइल ले जाने से छुटकारा मिल जाएगा. यूनिक हेल्थ आईडी देखकर डॉक्टर या अस्पताल पूरा डेटा निकाल सकेंगे. साथ ही इसके आधार आगे का इलाज किया जा सकेगा. बता दें कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2020 को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की पायलट परियोजना का ऐलान किया था. मौजूदा समय में पीएम-डीएचएम छह केंद्र शासित प्रदेशों में प्रारंभिक चरण में लागू किया जा रहा है. पीएम-डीएचएम का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ एनएचए की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) की तीसरी वर्षगांठ के साथ ही किया जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीजों को कई तरह के फायदे होंगे
- पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन की मदद से जोड़ दिया जाएगा