"कार सुरक्षा रेटिंग" वह माप का प्रणाली है जिसका उपयोग कारों की सुरक्षा मानकों को मापने के लिए किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो ग्राहकों को किसी विशेष मॉडल कार की सुरक्षा स्तर की सूचना प्रदान करता है। कार सुरक्षा रेटिंग का महत्वपूर्ण कारण है कि यह ग्राहकों को उनकी गाड़ी की सुरक्षा के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह रेटिंग विभिन्न प्रकार की सुरक्षा परीक्षण, जैसे कि फ्रंटल क्रैश, साइड क्रैश, और अन्य जोखिमों के आधार पर की जाती है। यह ग्राहकों को उनके चयन की गाड़ी के सुरक्षा स्तर को विश्वसनीयता से जांचने में मदद करता है और उन्हें सुरक्षित चलने वाली गाड़ी का चयन करने में मदद करता है। कार सुरक्षा रेटिंग के आधार पर गाड़ी की चयन करने से ग्राहक सुरक्षित रहते हैं और उनकी जीवन की रक्षा के लिए एक सुरक्षित विकल्प का चयन करते हैं। कार सेफ्टिंग रेटिंग, कार की सुरक्षा का आकलन करने के लिए एक प्रणाली है। यह विभिन्न परीक्षणों के आधार पर कार को एक से पांच सितारों की रेटिंग देती है।
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सुरक्षा रेटिंग है मुख्य मुद्दा
यह आपको सुरक्षित कार चुनने में मदद करती है। आपको दुर्घटना में घायल होने या मारे जाने की संभावना को कम करती है। कुछ बीमा कंपनियां कम प्रीमियम देती हैं। यह केवल एक कारक है। आपको अन्य कारकों जैसे कि कीमत, सुविधाएँ और ईंधन दक्षता पर भी विचार करना चाहिए। भारत में, NCAP (New Car Assessment Programme) कारों की सुरक्षा का आकलन करता है। NCAP, Global NCAP के मानकों का उपयोग करता है। NCAP की वेबसाइट पर आप विभिन्न कारों की सुरक्षा रेटिंग देख सकते हैं। कार सेफ्टिंग रेटिंग, कार खरीदते समय एक महत्वपूर्ण कारक है। यह आपको यह जानने में मदद करती है कि कार कितनी सुरक्षित है और दुर्घटना में यात्रियों को कितनी सुरक्षा मिलेगी।
ऐसे मिलते हैं स्टार
कारों को क्रैश टेस्ट के बाद रेटिंग दी जाएगी और सड़क परिवहन मंत्रालय में संयुक्त सचिव या अतिरिक्त सचिव के अधीन एक उच्च स्तरीय समिति इसके लिए प्रमाण पत्र देगी और इससे स्टार रेटिंग प्रणाली को विश्वसनीयता मिलेगी। इस प्रक्रिया में न्यूनतम सुरक्षा वाली कारों में एक स्टार होगा और अधिकतम सुरक्षा वाली कारों को 5 स्टार दिए जाएंगे। पिछले कई सालों से लोग कार का माइलेज और लुक देखकर ही उसे खरीदते हैं लेकिन अब इसकी सुरक्षा पर भी फोकस किया जा सकेगा।
परीक्षण
Frontal Crash Test: कार को एक निश्चित गति से दीवार से टकराया जाता है।
Side Crash Test: कार को एक निश्चित गति से दूसरे वाहन से टकराया जाता है।
Pole Crash Test: कार को एक निश्चित गति से खंभे से टकराया जाता है।
Rollover Test: कार को पलटने का प्रयास किया जाता है।
Source : News Nation Bureau