Diagnostic Test: आजकल स्टूडेंट्स प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए एडी से चौटी तक का जोर लगा रहे हैं. लेकिन इन दिनों मार्केट में वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया डायग्नोस्टिक टेस्ट मौजूद है. जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को काफी मदद मिल रही है. इस डायग्नोस्टिक टेस्ट का महत्व यदि स्टूडेंट्स समझ लें तो उन्हें परीक्षाएं आसान लगने लगती हैं. उसने जो करियर के बारे में सोचा है वह वास्तव में उसकी रुचि के क्षेत्र के अनुरूप है या नहीं इसके बारे में भी पता लगाने में यह फॅार्मुला शानदार साबित हो रहा है. आइये जानते हैं आखिर क्या है FIITJEE द्वारा तैयार किया गया मॅाडल?
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परीक्षणों के माध्यम से खोज
आपको बता दें कि आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में, किसी विशेष स्ट्रीम की ओर बच्चे के झुकाव के बावजूद, एक गहन और वैज्ञानिक मूल्यांकन समय की मांग हो जाती है. वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट को परीक्षण के माध्यम से सही करियर चुनने की दिशा में शानदार कमद बताया है. इस टेस्ट के माध्यम से स्टूडेंट्स प्रमुख राष्ट्रीय-स्तर की प्रतिस्पर्धी और शैक्षणिक परीक्षाओं के समान पैटर्न पर डिज़ाइन किए गए हैं, इस प्रकार उनकी सटीकता के चलते बच्चे कुछ अलग कर सकते हैं. साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पा सकते हैं. आपको बता दें कि इस डॅायग्नोस्टिक टेस्ट को कई कसौटियों पर परखने की बात भी कही गई है.
अकादमिक झुकाव को जानना
जब करियर पथ की बात आती है, तो कोई एक आकार सभी के लिए उपयुक्त नहीं होता है. क्योंकि हर बच्चे का दिमाग व सपने अलग-अलग होते हैं. कई बार साथियों के दबाव में, छात्र गलत स्ट्रीम चुन लेते हैं, जिससे न केवल खराब प्रदर्शन और करियर में बाधाएँ आती हैं, बल्कि अत्यधिक तनाव के कारण मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी आने लगती हैं. लेकिन ऐसे परिदृश्य में, FIITJEE का वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किया गया डायग्नोस्टिक टेस्ट आपके बच्चे को किसी विशेष स्ट्रीम की ओर उसके झुकाव को समझने में मदद करेगा.
HIGHLIGHTS
- वैज्ञानिकों ने काफी रिसर्च के बाद तैयार किया डायग्नोस्टिक टेस्ट का मॅाडल
- स्टूडेंट्स के मिल रही मदद, आईक्यू लेवल को बना रहा शानदार
Source : News Nation Bureau