दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक भारतीय रेलवे (Indian Railway) से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. बता दें कि मौजूदा ट्रेनों को बिजली, डीजल और भाप के इंजन से चलाया जाता है. हालांकि मौजूदा समय में चलाई जाने वाली ट्रेनों का प्रचलन नहीं के बराबर है. वहीं डीजल से चलने वाली ट्रेनों की ठीकठाक संख्या है. ऐसे में डीजल इंजन (Indian Railway Diesel Engine) से चलने वाली ट्रेनों का माइलेज क्या है? आइए यहां जानने की कोशिश करते हैं डीजल इंजन वाली ट्रेनों का माइलेज क्या है? इन ट्रेनों का माइलेज कितना है इसके लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि डीजल ट्रेन का टैंक कितने लीटर का है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीजल इंजन की क्षमता के हिसाब से टैंक को तीन कैटेगरी 5,000 लीटर, 5,500 लीटर और 6,000 लीटर में बांटा गया है. गाड़ी के लोड के अनुसार डीजल इंजन में प्रति किलोमीटर का एवरेज तय होता है. बता दें कि डीजल इंजन का माइलेज कई चीजों पर निर्भर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 कोच वाली पैसेंजर ट्रेन 6 लीटर में एक किलोमीटर का माइलेज देती है. 24 कोच वाली एक्सप्रेस ट्रेन भी 6 लीटर में एक किलोमीटर और 12 डिब्बों वाली एक्सप्रेस ट्रेन का माइलेज 4.50 लीटर में एक किलोमीटर है.
एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन के माइलेज में अंतर क्यों?
बता दें कि एक्सप्रेस ट्रेन सभी स्टेशन पर रुकती है. साथ ही उसमें ब्रेक और Accelerator का इस्तेमाल भी ज्यादा होता है. ऐसी स्थिति में ट्रेन का माइलेज एक्सप्रेस ट्रेन की तुलना में कम हो जाता है. चूंकि एक्सप्रेस ट्रेन का स्टॉप कम होता है और उसमें ब्रेक व Accelerator का इस्तेमाल भी कम होता है, इसलिए उसका माइलेज ज्यादा होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्यादा लोड वाली मालगाड़ी का माइलेज कम होता है.
HIGHLIGHTS
- 12 कोच वाली पैसेंजर ट्रेन 6 लीटर में एक किलोमीटर का माइलेज देती है
- 24 कोच वाली एक्सप्रेस ट्रेन भी 6 लीटर में एक किलोमीटर माइलेज देती है