Why You Should Not Pay Minimum Amount On Credit Card: अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और मिनिमम ड्यू अमाउंट पे करते हैं तो यह खबर आपके लिए ही लिखी जा रही है. मिनिमम ड्यू अमाउंट पे करने वाले ग्राहकों को ऐसा करना फायदे का काम लग सकता है लेकिन अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आप गलत हैं. ऐसा करने के फायदे से ज्यादा नुकसान हैं. मिनिमम ड्यू अमाउंट पे करने पर आप बड़ी राशि चुकाने के बोझ से बच जाते हैं और बकाया राशि चुकाने के लिए थोड़ा बहुत समय मिल जाता है यही वजह है कि ग्राहकों को ये तरीका लुभाता है लेकिन इसके नुकसान को जान लेना भी जरूरी है. ताकि पेमेंट को लेकर आप सही फैसला ले सकें.
बढ़ता है इंटरेस्ट का बोझ
मिनिमम ड्यू अमाउंट पे करने का मतलब ये नहीं होता कि आपको बची हुई बकाया राशि का भुगतान नहीं करना है. आपको आगे चलकर पूरा भुगतान करना ही होगा. इसका नुकसान ये है कि बकाया राशि को चुकाने में जितनी देरी की जाती है उतना ही इंटरेस्ट का बोझ बढ़ता जाता है.
इंटरेस्ट फ्री पीरियड का भी नहीं मिलता फायदा
अगर ग्राहक मिनिमम ड्यू अमाउंट पे करते हैं पूरी राशि चुकाने तक इंटरेस्ट का बोझ बढ़ता ही जाता है. इसी के साथ ग्राहकों को इंटरेस्ट फ्री पीरियड का लाभ भी नहीं मिलता है और इंटरेस्ट खरीददारी करने के दिन से ही लगना शुरू हो जाता है.
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सिबिल रिपोर्ट पर भी पड़ता है प्रभाव
जानकार मानते हैं कि मिनिमम ड्यू अमाउंट पे करते रहने से कर्ज का अमाउंट या तो बना रहता है या बढ़ता रहता है. भले भी भविष्य में आप सारा ड्यू अमाउंट पे कर दें फिर भी सिबिल रिपोर्ट पर इसका प्रभाव पड़ता है. ऐसे में बैंक आपकी पहचान ऐसे ग्राहक के रूप में कर लेता है जिसके पास लिक्विडिटी की कमी है. सिबिल स्कोर भी इस स्थिति में खराब हो जाता है.
क्रेडिट लिमिट भी घटती है
मिनिमम ड्यू अमाउंट पे करते रहने से क्रेडिट लिमिट पर भी इसका प्रभाव पड़ता है. लगातार कम राशि चुकता करते रहने से जितनी राशि कम पे की जाएगी उतनी ही क्रेडिट लिमिट घटती जाती है.
HIGHLIGHTS
- सिबिल स्कोर के खराब होने का बनता है कारण
- क्रेडिट लिमिट घटने का भी होने लगता है नुकसान
- ब्याज की राशि का समय के साथ बढ़ता है बोझ