आज के समय में कैश से अधिक डिजिटल पेमेंट पर लोग अधिक निर्भर हैं. यह आसान होने के साथ कैश के झंझट से बचाती है. इसके साथ छुट्टे पैसे को लेकर हायतौबा नहीं रहती है. डिजिटल पेमेंट में सबसे बड़ी भूमिका UPI निभाता है. मगर ऐसा कहा जा रहा है कि अगले माह से 2000 रुपये से ज्यादा के भुगतान पर 1.1 फीसदी शुल्क देना होगा. इसे लेकर भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है. NPCI की मानें तो यूपीआई से भुगतान पूरी तरह से मुफ्त है. अगर इस तरह का फैसला होता तो इससे यूपीआई भुगतान को बढ़ा झटका लगेगा. इस बात को लेकर ग्राहकों में भ्रम की स्थिति बन रही थी. NPCI ने के अनुसार, बैंक खाते से खाते में ट्रांजेक्शन की कुल भागीदारी 99 फीसदी से अधिक है.
हर महीने यूपीआई से 8 अरब भुगतान
NPCI ने ट्वीट करते हुए बताया है कि यूपीआई से हर माह आठ अरब का ट्रांजेक्टशन किया जाता है. इसका लाभ खुदरा ग्राहकों को होता है. इसे आगे भी फ्री बनाया जाएगा. खाते से खाते पैसा ट्रांसफर करने पर किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. इस अर्थ है कि किसी भी पेमेंट एप से यूपीआई भुगतान करना फ्री बना रहने वाला है.
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इंटरचेंज चार्ज तय करा गया है
NPCI ने साफ किया कि इंटरचेंज चार्ज तय करा गया है, मगर यह बड़े या आनलाइन मर्चेंट वर्ग के लिए तय किया गया है. यह तय फीसदी से 0.5 से 1.1 तक है. ईंधन, एजुकेशन, एग्रीकल्चर और यूटिलिटी पेमेट पर 0.5 फीसदी से 0.7 फीसदी तक इंटरचार्ज तय किया गया है. इसके साथ फूड शॉप, स्पेशल रिटेल आउटलेट पर सबसे अधिक 1.1 फीसदी का इंटरचेंज देना पड़ सकता है.
पीपीआई (PPI) होता क्या है
पीपीआई का अर्थ है कि प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट की सुविधा. इस सुविधा में 10 हजार रुपये तक का लेनेदेन होता है. इस सुविधा के तहत सही रिचार्ज को लेकर पैसे डाले जाते हैं. इसके जरिये सामान खरीदने के साथ पैसे भेजने में उपयोग किया जाता है. NPCI के अनुसार, इंटरचार्ज शुल्क 1 अप्रैल से लिया जा रहा है. अगर पीपीआई के तहत 2000 रुपये से अधिक का भुगतान होता है तो 1.1 फीसदी शुल्क देना होगा.
HIGHLIGHTS
- कैश से अधिक डिजिटल पेमेंट पर लोग अधिक निर्भर
- NPCI की मानें तो यूपीआई से भुगतान पूरी तरह से मुफ्त है
- NPCI के अनुसार, इंटरचार्ज शुल्क 1 अप्रैल से लिया जा रहा है