Petrol Diesel Vehicle Ban: अगर आपके पास भी पेट्रोल-डीजल की गाड़ी है या आप ऐसा कोई वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं तो थोड़ा ठहरिए. क्योंकि केंद्री की मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों को लेकर बड़ा ऐलान किया है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में पेट्रोल-डीजल वाहनों को खत्म करने का संकेत दिया है. नितिन गडकरी का कहना है कि साल 2004 से ही ईंधन के परंपरागत माध्यम के स्थान पर वैकल्पिक ईंधन पर जोर दिया जा रहा है और उनको पूरा भरोसा है कि आने वाले कुछ सालों में चीजें बिल्कुल बदल जाएंगी. नितिन गडकरी ने आगे कहा कि उनका लक्ष्य भारत को ग्रीन इकोनॉमी बनाना है और इसके लिए पेट्रोल-डीजल कारों से पूरी तरह से छुटकारा पाना जरूरी है.
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भारत ईंधन के इंपोर्ट पर 16 लाख करोड़ रुपए का खर्च
इस दौरान जब नितिन गडकरी से पूछा गया कि क्या भारत में पेट्रोल-डीजल कारों पूरी तरह से छुटकारा पाना संभव है. तो उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत संभव है. हां थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन अंसभव नहीं. ऐसा मेरा नजरिया है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नितिन गडकरी ने कहा कि भारत ईंधन के इंपोर्ट पर 16 लाख करोड़ रुपए का खर्च करता है, लेकिन ग्रीन इकोनॉमी बनने और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता समाप्त होने के बाद यह पैसा देश के किसानों के आर्थिक स्तर को ऊपर उठाने के लिए किया जा सकता है. इससे न केवल गांव समृद्ध होंगे बल्कि युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. नितिन गडकरी ने कहा कि देश बायो फ्यूल के इस्तेमाल पर जोर देकर फ्यूल आयात को खत्म कर सकता है. नितिन गडकरी ने कहा कि यह कब तक मुमकिन होगा, इसकी कोई तारीख और साल तो नहीं बताया जा सकता, लेकिन यह असंभव नहीं.
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इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर भी बूम
नितिन गडकरी ने कहा कि देश में बजाज, टीवीएस और हीरो जैसी कंपनियां भी फ्लेक्स इंजन के इस्तेमाल वाली बाइक बनाने की योजना पर काम कर रही हैं. हाइड्रोजन से चलने वाली कार भारत में आज चुकी है. मैं ऐसी ही कार से घूमता हूं. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर भी बूम दिखाई दे रहा है.