देश की राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में लगभग सभी राज्यों के लोग यहां रहते हैं. जो आज वे किराए पर रह रहे हैं, यहां रहने वाले लोग अपना खुद का घर होने का सपना देखते है. लेकिन यह सपना सपना ही रहने वाला है क्योंकि अब नोएडा में घर खरीदना इतना आसान नहीं होगा. अब यहां मकानों की कीमतें इतनी बढ़ जाएंगी कि आम आदमी मकान खरीदने से पहले कई बार अपनी जेब देखेगा.
नोएडा में सपना हो जाएगा अपना घर
नोएडा अथॉरिटी ने सोमवार को एक अहम आदेश जारी करते हुए प्रॉपर्टी रेट में बढ़ोतरी की घोषणा की है. इस आदेश के तहत 13 अगस्त से नई दरें लागू हो जाएंगी. नई दरों के अनुसार, रेजिडेंशल, ग्रुप हाउसिंग, इंस्टिट्यूशनल, इंडस्ट्रियल और डेटा सेंटर प्लॉट की कीमतों में 6 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.
इसका मतलब यह है कि अब नोएडा में कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने के लिए ग्राहकों को नई दरों के अनुसार भुगतान करना होगा. हालांकि, यह वृद्धि केवल उपरोक्त प्रकार की प्रॉपर्टी पर लागू होगी.कमर्शियल और कॉरपोरेट ऑफिस प्लॉट की कीमतों पर इस बढ़ोतरी का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस निर्णय के बाद नोएडा में प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री पर संभावित असर देखा जा सकता है, खासकर उन लोगों पर जो पहले से ही यहां निवेश की योजना बना रहे थे.
क्या खरीदार दिलचस्पी नहीं दिखाएंगे?
नोएडा अथॉरिटी का यह फैसला शहर में प्रॉपर्टी बाजार को एक नया दिशा देने के रूप में देखा जा रहा है.विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ोतरी से जहां निवेशकों को प्रॉपर्टी की कीमतों में वृद्धि का सामना करना पड़ेगा, वहीं अथॉरिटी के राजस्व में भी इजाफा होगा. नोएडा अथॉरिटी के इस कदम से रियल एस्टेट सेक्टर में हलचल मची हुई है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका असर बाजार में कैसे पड़ता है.
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कैटेगरियों में बांटा है एरिया
बता दें कि नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा है. सेक्टरों को ए+ से ई तक श्रेणियों में बांटा गया है, जबकि वाणिज्यिक क्षेत्र की श्रेणियां ए से डी तक हैं. औद्योगिक क्षेत्र को फेज-1,2,3 में विभाजित किया गया है. नोएडा प्राधिकरण द्वारा बढ़ाई गई दरें सेक्टर ए प्लस को छोड़कर रेजिडेंट प्लॉट में ए से ई श्रेणी तक बढ़ाई गई हैं. इसके साथ ही फेज-1,2,3 में हाउसिंग ग्रुप और अन्य संपत्तियों के लिए औद्योगिक क्षेत्र में भी 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है.