उच्च शिक्षा को प्राप्त करने की ललक में कई छात्र सिर्फ इसलिए पढ़ाई छोड़ देते है क्योंकि उनके पास पढ़ाई के लिए पैसे नहीं होते हैं. ऐसे छात्रों के लिए पीएम मोदी सरकार ने विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दे दी है. इसमें हायर एजुकेशन को लेकर 7.5 लाख रुपए तक के लोन पर भारत सरकार 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी दे देगी. यह लोन 8 लाख रुपये सालाना आय वाले परिवार के बच्चों को 10 लाख रुपए तक के लोन पर तीन प्रतिशत का ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा. 4.5 लाख रुपए की वार्षिक आय वाले छात्रों को पहले से पूर्ण ब्याज अनुदान मिल रहा है.
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इस योजना के तहत देश के 860 हायर एजुकेशन सेंटर्स के 22 लाख से ज्यादा छात्र आएंगे. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कहा गया कि इस योजना का लक्ष्य मेधावी छात्रों को सहायता प्रदान करना है. इस तरह से उनकी पढ़ाई में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी. पीएम विद्यालक्ष्मी योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का ही विस्तार रूप है.
किस तरह से मिलेगा एजुकेशन लोन?
उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल 'पीएम-विद्यालक्ष्मी' होगा. इस पर छात्र सभी बैंकों की ओर से उपयोग की जाने वाली आसान आवेदन प्रक्रिया के जरिए एजुकेशन लोन के साथ ब्याज सबवेंशन को लेकर आवेदन कर सकेंगे. ब्याज सबवेंशन का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा.
किस तरह से लागू होगी ये स्कीम
यह योजना देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होंगी. इन संस्थानों की रैकिंग NIRF रैंकिंग से तय हो सकेगी. इस सूची को हर वर्ष नई NIRF रैंकिंग का उपयोग करके अपडेट किया जाएगा. पहले 860 योग्य QHEI के साथ इसकी शुरुआत होगी. इसमें 22 लाख से ज्यादा छात्र पीएम-विद्यालक्ष्मी का लाभ ले सकेंगे.