Reverse Mortgage Scheme: आपके पास अपना घर है, साथ ही आपको पैसे की सख्त जरूरत है तो ये खबर आपके बहुत काम की है. आपको पता दें कि सरकार ने ये स्कीम mortgage loan scheme खासकर प्राइवेट जॅाब (private job) करने वालों के लिए शुरू की थी. क्योंकि प्राइवेट सेक्टर में जॅाब करने वालों को पेंशन नहीं मिलती है. खासकर बुढ़ापे में इन लोगों को पैसे की जरूरत होती है. लेकिन पैसा खोजने से भी कहीं नहीं मिलता है. इसलिए सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए. रिवर्स मॅार्गेज स्कीम की शुरूआत की थी. ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद हो सके.
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क्या है रिवर्स मॅार्गेज स्कीम ?
एक्सपर्ट अनुपम तिवारी के मुताबिक, "रिवर्स मॅार्गेज स्कीम के तहत आपको अपने घर को बैंक के पास गिरवी रखना होता है. स्कीम के तहत आपके मकान की कीमत के हिसाब से आपके एकमुश्त पैसे बैंक में जमा हो जाते हैं. इस स्कीम की समय-सीमा 15 साल है. यानि 15 सालों तक आपको प्रतिमाह पैसा मिलता रहेगा. 15 सालों के बाद बैंक आपसे पैसे लौटाने के लिए कहेगा. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, बैंक मकान को कब्जे में ले लेता है. स्कीम की खास बात ये है कि 15 साल तक आप सैलरी की तरह बैंक से पेंशन उठाते रहेंगे. इस बीच बैंक आपसे कभी पैसे की डिमांड नहीं करेगा,,.
क्या है स्कीम की पात्रता?
अगर आप स्कीम के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो आवेदक की उम्र कम से कम 60 साल होना आवश्यक है. साथ ही आवेदन को भारत का नागरिक होना जरूरी है. आपकी पेंशन की धनराशि मकान की कीमत तय करेगी. यानि जितनी ज्यादा मकान की कीमत होगी. उतनी ही ज्यादा पेंशन मिलेगी. एक उदाहरण के तौर पर यदि आपके मकान की कीमत 1 करोड़ रुपए है, तो आपको हर माह लगभग 20 हजार रुपए बैंक की ओर से मिलता रहेगा. इस कर्ज की खास बात ये है कि आप मेडिकल इमरजेंसी पड़ने पर एकमुश्त धनराशि भी ले सकते हैं. साथ ही बैंक आपसे न्यूनतम इनकम के लिए भी बात नहीं करेगा. साथ ही मकान का वारिस पैसा जमा करके बैंक से मकान को छुड़ा सकता है. यदि किसी वजह से पैसा नहीं आता है तो बैंक आपके घर को निलाम कर पैसे वसूलता है.