( रिपोर्टर - सुशील पांडेय )
अगर आप कार चलाते है तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है ...देश में 99 प्रतिशत कारों में आग से बचने के लिए जिस केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है उससे कार सवारों को कैंसर का खतरा है. इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सहित चार विभागों को नोटिस भेजकर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. वही इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन केमिकल के असर की जांच करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि उनके पास इसकी जांच के लिए आवश्यक सुविधा नहीं है.
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NGT के सामने यह जानकारी आई है
वहीं बड़े स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य पर असर को देखते हुए एनजीटी एक रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इस महत्वपूर्ण मामले पर सुनवाई कर रहा है. NGT के सामने यह जानकारी आई है कि सीट फोम और तापमान को नियंत्रित रखने के लिए किए गए उपायों में इन केमिकल का इस्तेमाल होता है. इससे लंबे समय तक कार में मौजूद रहने पर कार चालकों खासतौर पर बच्चों को कैंसर होने का खतरा होता है.
एनजीटी ने कहा मामला गम्भीर
NGT को इस मामले में CPCB ने 10 सितंबर को रिपोर्ट दाखिल कर बताया कि केमिकल टीसीआईपीपी, टीडीसीआईपीपी और टीसीईपी की वजह से कैंसर हो सकता है या नहीं, इसकी जांच के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के पास ही संसाधन मौजूद हैं.
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एनजीटी ने सरकार के माँगा जवाब
एनजीटी ने आदेश जारी कर आठ हफ्ते में सभी को इस महत्वपूर्ण मामले पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. वही एनजीटी ने सीपीसीबी और आईसीएमआर के अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रशासनिक प्रमुख, नेशनल ऑटोमेटिव टेस्टिंग एंड आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के प्रशासनिक प्रमुख और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्डस के महानिदेशक को एनजीटी के नोटिस का जवाब अगली सुनवाई से पहले देना होगा.