दिनों दिन प्याज की कीमतों में इजाफा हो रहा है.. बीते एक हफ्ते में प्याज के थोक भाव में 10 रुपये प्रति किलो और खुदरा भाव में 20 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है. फिलहाल थोक मंडी में प्याज की कीमत 40-45 रुपये प्रति किलो और बाजार में 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.
बताया जा रहा है कि, महाराष्ट्र में हो रही लगातार बारिश के कारण प्याज की कीमतों में यह उछाल आया है. बारिश की वजह से महाराष्ट्र में रास्ते बाधित हो गए हैं, जिससे प्याज की सप्लाई प्रभावित हो रही है. थोक विक्रेताओं की मानें तो आने वाले दिनों में दाम और बढ़ सकते हैं.
गौरतलब है कि, इन परिस्थितियों के मद्देनजर सरकार ने प्याज के दाम को कंट्रोल में करने के लिए एक खास प्लान तैयार किया है. इसके तहत बफर स्टॉक से प्याज जारी करके त्योहारी सीजन के दौरान कीमतों को स्थिर किया जाएगा. मालूम हो कि, बफर स्टॉक से प्याज जारी करने से कीमतों में गिरावट आने की संभावना है, जिससे आम जनता को राहत मिल सकती है.
देश में 3.8 मिलियन टन प्याज का भंडार उपलब्ध
बता दें कि, इस साल, नेफेड और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ ने बफर स्टॉक के लिए 0.47 मिलियन टन प्याज खरीदी है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 0.3 मिलियन टन था. प्याज की खरीदी की कीमत इस साल 25 रुपये प्रति किलो रही है, जो पिछले साल 17 रुपये प्रति किलो थी.
कृषि मंत्रालय के अनुसार, देश में 3.8 मिलियन टन प्याज का भंडार उपलब्ध है, जिससे प्याज की कमी की कोई आशंका नहीं है. नासिक के लासलगांव में प्याज की थोक मंडी की कीमत 4400 रुपये प्रति क्विंटल है, जो एक महीने पहले 2680 रुपये प्रति क्विंटल थी. जुलाई 2023 में प्याज की महंगाई 60.54% रही है और यह लगातार दोहरे अंकों में बनी हुई है.
आने वाले 2023-24 फसल वर्ष में प्याज का उत्पादन 24.21 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 20% कम है. हालांकि, खरीफ प्याज की बुवाई में इजाफा हुआ है और अक्टूबर के अंत तक बंपर फसल की उम्मीद है.
इस प्रकार, सरकारी योजना और बफर स्टॉक की उपलब्धता से प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, जिससे त्योहारी सीजन के दौरान महंगाई पर लगाम लगाई जा सकेगी.