आईटीआर रिफंड से जुड़े फ्रॉड भी बढ़ गए हैं. इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स को इससे अलर्ट किया है. जालसाज संवेदनशील जानकारी लेने के लिए टैक्सपेयर्स को टैक्स रिफंड की पात्रता का झूठा दावा करते हुए फर्जी कॉल और पॉप-अप नोटिफिकेशन भेजते हैं. विभाग ने बताया कि किसी भी प्रकार के मैसेज को पहले वेरिफाई करें क्योंकि यह जरूरी है.
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इनकम टैक्स विभाग ने बताया कि हम कभी भी पॉप-अप संदेश नहीं भेजते. आरबीआई के अनुसार, आईटीआर रिफंड से बचने के कुछ तरीके…
- रिफंड का वादा करने वाले अजनबी लोगों के कॉल और मैसेजों से बचें और ऐसे फर्जीवाड़ों पर कभी भरोसा न करें.
- ओटीपी, बैंक खाता, आधार और पैन कार्ड जैसी पर्सनल जानकारी किसी और को न बताएं.
- सिर्फ आधिकारिक वेबसाइटों से अपना आयकर ई-भुगतान करें.
- विभाग ने साफ किया कि हम ईमेल से विस्तृत जानकारी नहीं मांगते. हम क्रेडिट कार्ड, बैंक या फिर अन्य वित्तीय खातों के पिन नंबर और पासवर्ड जैसी जानकारियां ईमेल से नहीं मांगते हैं.
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ऐसे मैसेजों से बचें, ये फर्जी होते हैं…
पहला फर्जी मैसेज का उदाहरण
15 हजार रुपये का आयकर रिफंड मंजूर किया गया है. राशि जल्द आपके बैंक खाते में जमा हो जाएगी. कृप्या अपना खाता नंबर XXXXXXXXXX वेरिफाई करें. अगर यह सही नहीं है तो आप नीचे दिए गए लिंक पर जाकर अपनी जानकारी अपडेट करें.
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दूसरे फर्जी मैसेज का उदाहरण
एक व्यक्ति को हाल ही में आयकर रिफंड का फर्जी मैसैज आया, उसने उस पर क्लिक कर दिया और उसने 1.5 लाख रुपये गंवा दिए. लिंक ने उसे एक फर्जी ऐप पर भेज दिया, जिससे उसका फोन हैक हो गया. इससे उसके पैसे कट गए.
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