देश में करोड़ों लोग असंगठित क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं. इन्हें गुजर-बसर करने में काफी परेशानी होती है. उन्हें आर्थिक स्तर पर भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ध्यान देने वाली बात है कि यह लोग जीवन के शुरुआती दौर में तो मेहनत मजदूरी करके अपना गुजर-बसर कर लेते हैं पर जिंदगी में एक पड़ाव ऐसा भी आता है, जब इनका शरीर कमजोर हो जाता है और उस वक्त उनके पास कमाई का कोई रास्ता नहीं होता. असंगठित क्षेत्रों की समस्या को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने एक बेहतरीन योजना शुरू की है, जो इनकी वृद्धावस्था में वरदान बबन सकती है.
भारत सरकार की इस स्कीम का नाम है- प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना. इस स्कीम को असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोगों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए लॉन्च किया गया है. आज न्यूज नेशन आपको बताने जा रहा है, पीएम श्रम योगी मानधान योजना के बारे में.
योजना के बारे में अधिक जानें
भारत सरकार की इस स्कीम में 18 से लेकर 40 साल तक के लोग, जो असंगठित क्षेत्रों से जुड़े हैं, वे आवदेन कर सकते हैं. आप जिस उम्र में निवेश करते हैं, उसी उम्र के आधार पर आपके निवेश की राशि तय होगी. स्कीम में आप 55 रुपये से लेकर 200 रुपये तक निवेश कर सकते हैं. अगर आवेदक 18 साल का है तो उसे रोज का दो रुपये बचाना होगा और हर माह 55 रुपये स्कीम में निवेश करना होगा. निवेश 60 साल तक करना है, जिसके बाद हर महीने आपको 3 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी.
असंगिठत क्षेत्र के लोगों में यह लोग शामिल
असंगठित क्षेत्रों से जुड़े लोगों में रेहड़ी वाले दुकानदार, ड्राइवर, प्लंबर, मिड-डे मील वर्कर, दर्जी और रिक्शा चालक चलाने वाले लोग शामिल हैं. इसमें मजदूर, बीड़ी बनाने वाले, कूड़ा बीनने वाले, कृषि, कामगार, धोबी और मोची आदि शामिल हैं.