सरकार ने राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाने का फैसला किया है. इसके चलते इंधन की कीमतों में भारी इजाफा दर्ज किया गया है, जिससे आम लोगों को महंगाई के मोर्चे पर एक बड़ा झटका लगा है. बता दें कि, राज्य सरकार ने पेट्रोल पर वैट में 61 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 92 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की है. वित्त मंत्री का कहना है कि, ये फैसला राजस्व अर्जन करने के मद्देनजर लिया गया है.
गौरतलब है कि, पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाने का ये महत्वपूर्ण निर्णय पंजाब की AAP सरकार ने लिया है. वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने इस कदम को राजस्व अर्जन का एक तरीका बताया है. उनका कहना है कि इस अतिरिक्त राजस्व का उपयोग मुफ्त सुविधाओं को लोगों तक आसानी से पहुंचाने के लिए किया जाएगा.
नई कीमतों के अनुसार, अमृतसर में पेट्रोल की कीमत अब 96.82 रुपये से बढ़कर 97.43 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी, जबकि डीजल की कीमत 87.11 रुपये से बढ़कर 88.03 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी. सरकार का ये फैसला पहले से ही महंगाई से जूझ रही जनता के लिए एक नई चुनौती के तौर पर पेश आ रहा है.
हर सुबह तय होती है कीमत
पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण हर दिन सुबह 6 बजे तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMC) द्वारा किया जाता है. ये कंपनियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी मुद्रा दरों के उतार-चढ़ाव के आधार पर कीमतों में समायोजन करती हैं. इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि उपभोक्ताओं को हमेशा नई ईंधन लागत के बारे में सही जानकारी मिले.
सरकारें लगाती हैं टैक्स
पेट्रोल और डीजल की कीमतें विभिन्न टैक्सों और कच्चे तेल की रिफाइनिंग लागत से प्रभावित होती हैं. केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर विभिन्न प्रकार के टैक्स लगाती हैं, जो हर राज्य में अलग-अलग हो सकते हैं. इसके अलावा, कच्चे तेल को रिफाइन करने की लागत भी अंतिम कीमत पर असर डालती है. इन सभी कारकों के मिलेजुले प्रभाव से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, जो आम जनता की जेब पर सीधा असर डालता है.
इस निर्णय का प्रभाव दीर्घकालिक और व्यापक हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए पेट्रोल और डीजल पर निर्भर हैं. सरकार के इस कदम के बाद, देखना होगा कि क्या यह नई कीमतें लोगों की जीवनशैली को प्रभावित करती हैं और आगामी दिनों में महंगाई पर इसका कितना असर होता है.