Ratan Tata: देश के दिग्गज कारोबारी और शानदार व्यक्तित्व के मालिक रतन टाटा अब इस दुनिया में नहीं हैं. बीते दिनों हुए उनके निधन ने सिर्फ देश बल्कि दुनियाभर के लोगों को आहत किया. अपनी दरियादिली औऱ बेहतरीन कारोबारी समझ की वजह से लोगों के जहन में अब वह जिंदा हैं. उनके निधन के बाद अब उनकी अंतिम इच्छा सामने आई है. उनकी वसीयत का खुलासा हुआ है. अपने पीछे वह कितनी संपत्ति छोड़ गए और उनकी संपत्ति में अब किसका अधिकार होगा इन सब रहस्यों से पर्दा उठ गया है.
कितनी संपत्ति छोड़ गए रतन टाटा
रतन टाटा अपने पीछे अपार संपत्ति छोड़ गए हैं. इसी वर्ष अगस्त के महीने में हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में उनकी संपत्ति को बारे में जानकारी सामने आई थी. इसमें लिखा था कि टाटा संस में रतन टाटा की करीब 0.83 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. ऐसे में उनकी कुल संपत्ति 7900 करोड़ रुपए बताई जा रही है. रतन टाटा की हिस्सेदारी का मूल्य टाटा संस के मुताबिक निकाला जाए तो यह 16.71 लाख करोड़ रुपए है.
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किसको मिलेगा रतन टाटा की संपत्ति पर हक
रतन टाटा का वसीयत नामा भी सामने आया है. उन्होंने अपनी संपत्ति में चार हिस्सों में बांटा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रतन टाटा ने अपनी सौतेली बहनों शिरीन और डायना जेजीभॉय को जगह दी है. इसके अलावा उनके वकील दारायस खंबाटा और रतन टाटा के करीबी दोस्त मेहली मिस्त्री को जगह दी है.
सबकुछ सावर्जनिक नहीं
रतन टाटा की वसीयत को पूरी तरह सार्वजनिक यानी पब्लिक नहीं किया गया है. लेकिन जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक उनकी संपत्ति के बड़े हिस्से को दान में दिया जाएगा. बता दें कि उनके दोस्त मेहली ने टाटा चैरिटी, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में बतौर ट्रस्टी काम भी किया है.
बता दें कि रतन टाटा की वसीयत को पहली बार उनके निधन के बाद ही देखा गया है. अब ये वसीयत को एग्जीक्यूट करने वाले की जिम्मेदारी है कि वह रतन टाटा की अंतिम इच्छा को पूरा करे. इसके लिए भी एक निर्धारित समय भी दिया गया है. हालांकि ये भी तय है कि उनकी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा चैरिटी में दिया जाएगा.
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