फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक सेफ इन्वेस्टमेंट ऑप्शन माना जाता है, लेकिन इसके साथ कुछ नुकसान भी जुड़े हैं जिन्हें समझना जरूरी है. लिहाजा FD में निवेश करने से पहले, इन संभावित नुकसानों को जानना आपके वित्तीय फैसलों को बेहतर बना सकता है.
1. कम रिटर्न
FD की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसमें आपको अपेक्षाकृत कम रिटर्न मिलता है. आमतौर पर, FD की ब्याज दरें शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड्स जैसी उच्च-रिटर्न निवेश योजनाओं के मुकाबले काफी कम होती हैं. इस वजह से, अगर आपकी फाइनेंशियल गोल ज्यादा इन्वेस्टमेंट की मांग करते हैं, तो FD आपकी अपेक्षाओं पर पूरी नहीं उतर सकती.
2. लॉक-इन अवधि
FD में निवेश करते समय, आपके पैसे एक निश्चित समय के लिए लॉक हो जाते हैं. इसका मतलब है कि आप इस अवधि के दौरान अपनी राशि को नहीं निकाल सकते. यह लॉक-इन अवधि आपकी तरलता को प्रभावित कर सकती है, खासकर अगर आपको इमरजेंसी परिस्थितियों में पैसे की जरूरत हो तो.
3. प्री-मैच्योर विथड्रावल पर पेनल्टी
अगर आपको FD की मैच्योरिटी पीरियड से पहले पैसे की जरूरत पड़ती है, तो आपको प्री-मैच्योर विथड्रावल पर पेनल्टी देनी होती है. यह पेनल्टी आपके कुल रिटर्न को घटा देती है और आपके इन्वेस्टमेंट को नुकसान पहुंचा सकती है.
4. टैक्सेबल रिटर्न
FD से प्राप्त ब्याज आय टैक्सेबल इनकम के दायरे में आती है. इसका मतलब है कि आपके रिटर्न पर टैक्स लगेगा, जो आपके निवेश के कुल लाभ को कम कर सकता है. टैक्स नियमों के अनुसार, FD की ब्याज आय आपकी कुल आय में जोड़ दी जाती है और टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लिया जाता है.