Advertisment

कभी-कभी नाकामी भी देती है बड़ा सबक, अक्षत की कहानी आपको भी कर देगी हैरान, कम समय में खड़ी की करोडों की कंपनी

Success Story: एकाग्र मन, कड़ी मेहनत और सच्ची लगन आपको कहीं भी पहुंचा सकती है. यही कर दिखाया है साधारण परिवार में जन्में अक्षत ने. कई बार नाकामी मिलने के बाद अपनी सूझबूझ से कम समय में ही बिजनेस टाईकून बने अक्षत इसका जीता-जागता उदाहरण हैं.

Advertisment
author-image
Sunder Singh
New Update
AKSHAT 3
Advertisment

Success Story:  एकाग्र मन, कड़ी मेहनत और सच्ची लगन आपको कहीं भी पहुंचा सकती है. यही कर दिखाया है साधारण परिवार में जन्में अक्षत ने. कई बार नाकामी मिलने के बाद अपनी सूझबूझ से कम समय में ही बिजनेस टाईकून बने अक्षत इसका जीता-जागता उदाहरण हैं. आपको बता दें कि कंपनी शुरू करने से पहले अक्षत को कई नाकामी हाथ लगीं. आपको बता दें  कि कैंपस प्लेसमेंट में पहले ही राउंड में उन्हें बाहर कर दिया गया. लेकिन उन्होने हार नहीं मानी और अपने सपनों को साकार करने के लिए लगातार मेहनत करते रहे.  जिसका उन्हें लाभ मिला और आज वह करोड़ों की कंपनी के मालिक हैं. साथ ही सैंकडों लोगों को अपनी कंपनी में रोजगार दिया हुआ है.

Advertisment

यह भी पढ़ें : लो आ गई टोल टैक्स को लेकर बड़ी खबर, जानें आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर

पहले ही राउंड में हुआ बाहर

अक्षत चतुर्वेदी इंजीनियरिंग के सातवें सेमेस्टर में था उसी समय कैंपस प्लेसमेंट का दौर आया. लेकिन 300 स्टूडेंट्स में से 5 को बाहर किया गया. जिसमें वह भी था. अब सोचिए, जिस लड़के ने अपनी पहली जॉब के सपने देखे थे, वो पहले ही राउंड में बाहर हो गया! दोस्तों और परिवार से ताने सुनना तो जैसे तय था.लेकिन अक्षत की कहानी यहीं खत्म नहीं होती. क्योंकि अक्षत ने हार नहीं मानी और वह लगातार मेहनत करता रहा. जब अक्षत से उनकी सफलता के बारे पूछा गया तो उन्होने कहा कि नाकामी ने उन्हें अदर से झकझौर दिया था. लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी माँ से मोटिवेशन लिया.अक्षत बताते हैं कि जब उन्हें प्लेसमेंट में रिजेक्शन मिला, तब उनकी माँ ने उन्हें कहा,  “नियति हमेशा कुछ बड़ा सोच रही होती है, तुम्हारे लिए कुछ खास होगा”

Advertisment

बिजनेस में अजमाया भाग्य 

अक्षत ने ठान लिया कि वह अपने पिता की तरह बिज़नेस करेंगे.पिता ओमप्रकाश चतुर्वेदी का प्लास्टिक ग्रेन्यूल्स का छोटा सा व्यापार था, लेकिन उसमें संघर्ष और मेहनत भरपूर थी.बचपन में अक्षत ने देखा था कि किस तरह उनके पिता व्यापार में लगातार चुनौतियों का सामना करते रहे, और शायद यहीं से अक्षत ने भी संघर्ष करना सीखा.“कई बार लगा कि शायद मैंने गलत फैसला लिया है,” अक्षत बताते हैं.शुरुआती दिनों में कोई काम नहीं होता था और दिन बिस्तर पर लेटे-लेटे यह सोचने में गुजर जाता था कि आखिर वह क्या करें.लेकिन हर मुश्किल घड़ी में उनके माता-पिता ने उनका साथ दिया..

600 से ज्यादा कंपनी 

Advertisment

आज, अक्षत की कंपनी 600 से ज्यादा कंपनियों को आईटी सेवाएँ प्रदान कर रही है.मोबाइल ऐप डेवलपमेंट से लेकर टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस तक, अक्षत ने अपने बिज़नेस को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया है।  राजस्थान इनोवेशन लीडरशिप अवार्ड 2022 में उन्हें *Best Employer Brand Award से भी सम्मानित किया गया था.यह अवार्ड *वर्ल्ड इनोवेशन कांग्रेस द्वारा आयोजित किया गया था, जो उनकी मेहनत और उपलब्धियों का प्रमाण है।अक्षत चतुर्वेदी की यह कहानी सिर्फ एक उदाहरण है कि किस तरह एक असफलता आपकी ज़िंदगी की दिशा बदल सकती है.कैंपस प्लेसमेंट में फेल होकर भी उन्होंने करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी और ये साबित कर दिया कि असफलता आपको नहीं, आपकी हिम्मत और मेहनत को परिभाषित करती है।

utility Latest Utility News Latest Utility
Advertisment
Advertisment