Supreme Court: आमतौर पर ये कहा जाता है कि बेटा हो या फिर बेटी माता-पिता के लिए दोनों ही एक समान होते हैं. लेकिन कई बार संपत्ति के मामले में ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि इस पर बेटे का ही हक होता है. लेकिन ऐसा नहीं है पिता की संपत्ति में बेटे के साथा-साथ बेटी को भी हक दिया जाता है. इसको लेकर अब देश की सर्वोच्च अदालत की ओर से भी बड़ी जानकारी सामने आ चुकी है. जी हां सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कर दिया है कि पिता की संपत्ति में बेटी का कितना हक होगा. आइए जानते हैं इससे जुड़ी जरूरी जानकारी.
बेटी को मिलेंगे ये अधिकार
आमतौर पर बेटी के जन्म के साथ ही उसे लक्ष्मी का रूप कहा जाता है. ऐसा होता भी है बेटियों के आने से घर में न सिर्फ सुख समृद्धि बल्कि लक्ष्मी माता की कृपा भी बरसने लगती है. लेकिन जब बात अधिकारों की आती है तो कई जगहों पर बेटियों को पराया धन भी मान लिया जाता है. लेकिन कानूनी रूप से ऐसा नहीं है. बेटियों के लिए भी खास अधिकार हैं. पिता की संपत्ति में बेटी का भी हक होता है.
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हालांकि पिता की संपत्ति में बेटी के पास क्या-क्या अधिकार हैं और किन परिस्थितियों में वह इन अधिकारों का इस्तेमाल कर सकती हैं. इसको लेकर शीर्ष अदालत ने भी दिशा निर्देश तय किए हैं.
पिता की संपत्ति में बेटियों के क्या अधिकार
पिता की संपत्ति में बेटियों को अधिकार को सुनिश्चित किया गया है. इसके लिए कोर्ट की ओर से भी नियम बनाए गए हैं. 1956 में लागू किए गए हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में कुछ वर्षों पहले यानी 2005 में संशोधन किया गया. इसके तहत अब बेटियों को पिता की संपत्ति में बेटों के बराबर ही अधिकार दिए गए.
बेटी कब नहीं कर सकती पिता की संपत्ति पर दावा
बता दें कि कुछ परिस्थितियां ऐसी भी जिसमें बेटियां पिता की संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती हैं. अगर पिता अपनी मृत्यु से पहले अपनी संपत्ति पर पूरा अधिकार अपने बेटे का कर देता है तो बेटियां इसमें अपना हक नहीं मांग सकती हैं. खास बात यह है कि यह नियम भी पिता की स्वअर्जित संपत्ति पर ही होता है. अगर पैतृक संपत्ति है तो वह पिता से बेटी हक के रूप में मांग सकती है.
क्या कहता है देश का कानून
भारतीय कानून के मुताबिक, बेटी को भी पिता की संपत्ति में बराबर का अधिकार दिया गया है. जबकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक भी बेटी औऱ परिवार की अन्य महिलाओं को भी पैतृक संपत्ति में हिस्से का अधिकार है.
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