Government gave relief: सहारा ग्रुप सहकारी समितियों के छोटे डिपॉजिटर्स के लिए भी सरकार ने बड़ी खुशखबरी दी है. सरकार ने अब निवेशकों की धनराशि को बढ़ा दिया है. अब उन्हें पूरे 50000 रुपए दिये जाएंगे. आपको बता दें कि ये पहले लिय गए फैसले के जस्ट पांच गुनी धनराशि है. इससे पहले सरकार ने सिर्फ 10000 रुपए के लिए निर्णय लिया था. ऐसे में जिन लोगों ने सहारा ग्रुप में सहारा की स्कीमों में पैसा लगाया था, उन्हें राहत जरूर मिलेगी. जानकारी के मुताबिक, सरकार ने सहारा रिफंड पोर्टल के माध्यम से सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के 4.29 लाख से अधिक डिपॉजिटर्स को 370 करोड़ रुपए हाल ही में जारी किये हैं...
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पांच गुना कर दी लिमिट
सहकारिता मंत्रालय के मुताबिक, अगले दस दिनों में निवेशकों को लगभग 1000 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा. साथ ही पहले से धनराशि को पांच गुणा तक बढ़ाया गया है. पहले 10000 रुपए दिये जाने के आदेश दिए थे. लेकिन अब 50000 रुपए निवेशकों को रिफंड किये जाएंगे. आपको बता दें कि सरकार फिलहाल निवेशकों की जमा धनराशि के पेपर खंगाल रही है. ताकि हर निवेशक के साथ न्याय हो सके. साथ ही किसी के पास ज्यादा पैसा भी न पहुंच पाए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सहारा ग्रुप की चार बहु-राज्य सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं की वैध जमा राशि की वापसी के दावे प्रस्तुत करने के लिए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल 18 जुलाई, 2023 को पेश किया गया था
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पैसा होगा रिफंड
जानकारी के मुताबिक, सहारा समय की कई समितियां थी. जिन्होने जनता के साथ फ्रॅाड किया था. इन समीतियों में सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लि., लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लि., भोपाल, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लि., कोलकाता और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, हैदराबाद शामिल है. सुप्रीम कोर्ट के 29 मार्च, 2023 के आदेश के तहत 19 मई, 2023 को सेबी-सहारा रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपए की राशि केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक (सीआरसीएस) को अंतरित कर दी गई थी. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी पूरे मामले पर निगाह बनाए हुए हैं. यानि उनकी देखरेख में ही पूरा मामला चल रहा है.