UP Cabinet Big Decision: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सिर्फ जनता के लिये ही नहीं, बल्कि अपने कर्मचारियों के हित में भी लगातार फैसले ले रही है. विगत दिवस हुई कैबिनेट मीटिंग में कई ऐसे फैसलों पर मुहर लगी. जो कर्मचारियों के लिए बड़ी समस्या बनते थे. एक और जहां शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है. वहीं अब कर्मचारी बिना नॅामिनी के भी ग्रेच्युटी का पैसा निकाल पाएंगे. इस बड़े फैसले पर मुहर लगाई गई है. आइये जानते हैं योगी कैबिनेट में और किन फैसलों पर मुहर लगाई गई है...
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सरकारी खजाने में चली जाती थी ग्रेच्युटी
अभी तक उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनीफिट रूल्स-1961 के कानून के तहत कर्मचारी की मृत्यु सेवा में रहते हुए या सेवानिवृत्ति के बाद ग्रेज्युटी की धनराशि प्राप्त किए बिना हो जाती है और वह अपने पीछे कोई परिवार नहीं छोड़ जाता, न ही कोई नामांकन करता है तो उसे दी जाने वाली ग्रेज्युटी की राशि सरकारी खजाने में समाहित हो जाती थी. लेकिन अब नए फसले के मुताबिक ऐसा नहीं होगा. अब कर्मचारी के यदि कोई नॅामिनी नहीं है तो वह जिंदा रहते ही अपनी ग्रेच्युटी निकाल सकता है.
10 शहरों में खुलेंगे बाल संरक्षण गृह
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के तहत 10 शहरों में बाल संरक्षण ग्रह खोले जाएंगे. इसके लिए प्रदेश सरकार 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी. जिन शहरों में बाल सरंक्षण गृह बनना है, उनमें लखनऊ के अलावा अयोध्या, अमेठी, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा, फिरोजाबाद, बस्ती, झांसी व कानपुर देहात शामिल हैं.. इस फैसले को भी कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है..
हो सकेगा ट्रांसफर
वहीं नई शिक्षा नीति के तहत अब किसी भी शिक्षक का ट्रांसफर तीन साल की सेवा के बाद हो सकेगा. यानि अब पांच साल नौकरी करने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही किसी दूसरे में जिले में ट्रांसफर के लिए भी व्यवस्था को आसान किया गया है. ताकि किसी को भी सर्विस में कोई समस्या न पनपे. क्योंकि कई बार पति व पत्नी की जॅाब अलग-अलग शहर में रहने के बावजूद भी उन्हें कम से कम तीन साल संबंधित जिले में ही अध्यापन कार्य करना होता था..