UP Government Employees Salary : यूपी सरकार अब कर्मचारियों को टेंशन देने वाली है. 52000 सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अब सरकार की बात माननी होगी नहीं तो उनकी सैलरी भी होल्ड कर दी जाएगी. जी हां उत्तर प्रदेश सरकार 52,000 सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति का ब्यौरा मांग रही है और अगर सरकारी कर्मचारी यह ब्यौरा नहीं देंगे तो इससे उनकी सैलरी पर सीधा असर पड़ेगा. योगी सरकार की ओर से यह मौका आखिरी है. उत्तर प्रदेश में संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को 30 सितंबर तक आखिरी मौका दिया जा रहा है.
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करीब 52,000 कर्मचारियों की सैलरी से जुड़ा मामला
करीब 52,000 कर्मचारियों में से जो भी कर्मचारी आज शाम 3 बजे तक ब्यौरा नहीं देंगे. उनकी सैलरी होल्ड कर दी जाएगी. इससे पहले यह डेडलाइन 31 अगस्त थी. उस समय तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले इन कर्मचारियों की संपत्ति होल्ड हो गई थी. हालांकि बाद में कर्मचारी संगठनों की अपील के बाद कड़ी चेतावनी के साथ सैलरी जारी हो गई. बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने इसी साल जुलाई महीने में एक आदेश जारी किया था. इस आदेश में उन्होंने राज्य के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा 31 अगस्त तक पोर्टल पर अपडेट करने को कहा था. उन्होंने उसी समय चेतावनी भी दी थी कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे उनकी सैलरी रोक दी जाएगी.
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अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया
इस आदेश के बावजूद 31 अगस्त तक बड़ी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया. मुख्य सचिव के आदेश के तहत कोषागार विभाग ने विभिन्न विभागों की रिपोर्ट को देखते हुए संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की सैलरी 1 सितंबर को रिलीज नहीं की. इसको लेकर पूरे प्रदेश में हड़कम मच गया. इनमें सबसे ज्यादा पुलिस और राजस्व विभाग के लोग थे. उस समय तर्क दिया गया कि पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आपदा राहत कार्य और चुनाव ड्यूटी में व्यस्त रहे थे. इसलिए उन्हें संपत्ति का ब्यौरा कलेक्ट करने और वेबसाइट पर अपलोड करने का समय नहीं मिला. इसी तरह अन्य विभागों की ओर से भी इस तरह का आग्रह करते हुए एक महीने ही मोहलत मांगी गई.
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इन कर्मचारियों के हाथ लगेगी मायूसी
हालात को देखते हुए मुख्य सचिव ने 30 सितंबर अंतिम तारीख तय करते हुए साफ कर दिया कि अब इसके बाद किसी को कोई रियायत नहीं मिलने वाली है. कोषागार विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ए क्लास और बी क्लास के 7000 से अधिक अधिकारियों ने अब तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है. इसी तरह से सी क्लास के 33000 और डी क्लास के भी लगभग इतने ही कर्मचारियों ने अपनी प्रॉपर्टी का ब्यौरा नहीं दिया है. हालांकि आज प्रॉपर्टी का ब्यौरा देने का आखिरी समय है 30 सितंबर शाम 3:00 बजे तक अपना ब्यौरा देना होगा वरना योगी सरकार कर्मचारियों की सैलरी रोक सकती है.