स्किल उत्तराखण्ड के अंदर युवाओं को मिल रही ट्रेनिंग, जर्मनी में करियर बनाने का मौका, लाखों की नौकरी के मिल रहे ऑफर

उत्तराखण्ड सरकार की ओर से चलाई जा रही ‘मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना’ ने राज्य के युवाओं को विदेशी रोजगार के सुनहरा अवसर दे रहा है.

author-image
Priya Gupta
New Update
Employment Skill Scheme

photo-social Media

Advertisment

Global Employment Skill Scheme: उत्तराखण्ड सरकार की ओर से चलाई जा रही ‘मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना’ ने राज्य के युवाओं को विदेशी रोजगार के सुनहरा अवसर दे रहा है.इस योजना के अंतर्गत चयनित युवाओं को जर्मनी में नर्सिंग के क्षेत्र में करियर बनाने का मौका मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यह योजना सेवायोजन विभाग द्वारा संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को विदेशी रोजगार के लिए तैयार करना है.

योजना की सफलता और जर्मन भाषा का प्रशिक्षण

इस योजना के तहत देहरादून में 15 युवाओं को जर्मन भाषा की ट्रेनिंग दी जा रही है.ये सभी युवा बीएससी नर्सिंग और जीएनएम जैसे कोर्स कर चुके हैं और फिलहाल प्राइवेट जॉब कर रहे हैं. अब जर्मन भाषा का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, ये युवा जर्मनी में रोजगार हासिल करेंगे और उत्तराखण्ड तथा देश का नाम रोशन करेंगे. जर्मनी के कई अस्पतालों में इन युवाओं का चयन पहले ही हो चुका है, जहां उन्हें ढाई से साढ़े तीन लाख रुपये प्रति माह का वेतन मिलेगा. इसके लिए उन्हें जर्मन भाषा की बी-2 परीक्षा पास करनी होगी.

सरकार के सहयोग से कम खर्च में प्रशिक्षण

योजना के अंतर्गत देहरादून निवासी अवंतिका बताती हैं कि अगर वो प्राइवेट तौर पर जर्मन भाषा का प्रशिक्षण लेतीं है, तो उन्हें चार लाख रुपये खर्च करने पड़ते. लेकिन उत्तराखण्ड सरकार के अधीन उन्हें आधे से कम खर्च में यह प्रशिक्षण मिल रहा है. इसके साथ ही, सरकार द्वारा चयन होने की वजह से किसी धोखाधड़ी का भी कोई डर नहीं है. 

दो साल का वर्क वीजा और उज्जवल भविष्य

इस योजना के तहत चयनित युवाओं में आस्था शर्मा, काव्य चौहान, और प्रवीण लिंगवाल भी शामिल हैं. आस्था बताती हैं कि उनके प्रशिक्षण पर औसतन डेढ़ लाख रुपये का खर्च आ रहा है, जिसमें 20 प्रतिशत खर्च उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उठाया जा रहा है. उन्हें जर्मनी में दो साल का वर्क वीजा भी मिलेगा. काव्य चौहान ने बताया कि उन्होंने सरकारी नौकरी की उम्मीद से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की थी, लेकिन इस योजना के तहत उन्हें जर्मनी में करियर बनाने का सुनहरा अवसर मिल गया है.

युवाओं के लिए प्रेरणादायक प्रयास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस योजना के माध्यम से राज्य के युवाओं को ग्लोबल रोजगार के लिए तैयार करने की दिशा में कदम उठाया है. उत्तराखण्ड के युवा अपनी मेहनत और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं, और यह योजना उन्हें विदेशी मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दे रही है.

ये भी पढ़ें-Coldplay Event: मुंबई में नहीं मिला मौका, तो यहां जाकर देख सकते हैं कोल्डप्ले का LIVE कॉन्सर्ट

Employment One Family One Job Scheme India Employment Data scheme one job scheme
Advertisment
Advertisment
Advertisment