ट्रेन में यात्रा के दौरान अक्सर एक समस्या सामने आती है जब किसी यात्री की बुक की गई सीट पर कोई अन्य व्यक्ति आकर बैठ जाता है. इस स्थिति में अधिकतर यात्री असहज महसूस करते हैं और कुछ इसे लेकर विवाद करने पर भी मजबूर हो जाते हैं. कई बार सीट को लेकर छोटी-मोटी बहस बड़े विवाद का रूप भी ले लेती है, जिससे यात्रियों के बीच तनाव बढ़ जाता है. लेकिन भारतीय रेलवे ने इस समस्या के समाधान के लिए एक तरीका खोज निकाला है, जिसे अपनाकर यात्री बिना किसी तनाव के अपनी सीट पर बैठे सकते हैं.
139 नंबर पर करें ये मैसेज
रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए 139 नंबर जारी किया है, जिस पर मैसेज भेजकर सीट पर बैठे अनधिकृत व्यक्ति को हटाया जा सकता है. प्रोसेस बहुत आसान है. अगर कोई यात्री देखता है कि उसकी सीट पर कोई और व्यक्ति बैठा हुआ है तो उसे अपने मोबाइल से 139 नंबर पर एक मैसेज भेजना होगा. इस मैसेज में यात्री को अपने पीएनआर नंबर का फील करना होगा, साथ ही मैसेज में ये लिखना होगा - "माई सीट ऑक्युपाइड बाई समवन".
रेलवे अधिकारी तत्काल सहायता करेंगे
जैसे ही यात्री का मैसेज रेलवे के सिस्टम में आता है, उसी समय निकटतम टीटीई (ट्रेन टिकट एग्जामिनर) को उस सीट पर भेजा जाता है. टीटीई आते ही उस व्यक्ति को कानूनी रूप से उस सीट को छोड़ने का निर्देश देते हैं जो सीट पर अनधिकृत तरीके से बैठा हुआ है. यह प्रक्रिया बेहद सरल और प्रभावी है और इससे यात्री बिना किसी बहस या विवाद के अपनी सीट वापस ले सकते हैं.
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विवाद से बचने के लिए बेस्ट है तरीका
रेलवे की इस सुविधा का उद्देश्य यात्रियों को अनावश्यक विवाद से बचाना है. इसके जरिए यात्रियों को यात्रा के दौरान शांति और आराम बनाए रखने में सहायता मिलती है. यह सुविधा उन यात्रियों के लिए खासतौर पर लाभदायक है जो अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे होते हैं या जो लंबी दूरी की यात्रा कर रहे होते हैं. कई बार देखा गया है कि अनधिकृत व्यक्ति सीट पर कब्जा करने के बावजूद बैठने से मना नहीं करते, ऐसे में रेलवे की यह प्रक्रिया उनकी सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा करने में सहायक सिद्ध होती है.