Phishing Attack:आजकल इंटरनेट पर फिशिंग अटैक का खतरा बढ़ गया है. आपने भी इस शब्द को कभी न कभी सुना होगा. फिशिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें धोखेबाज लोग नकली ईमेल या मैसेज भेजकर आपकी पर्सनल जानकारी, जैसे पासवर्ड, बैंक की डिटेल्स, और क्रेडिट कार्ड नंबर चुराने की कोशिश करते हैं. ये लोग खुद को किसी बैंक, कंपनी या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का कर्मचारी बताकर आपकी जानकारी मांगते हैं. चलिए जानते हैं कि इस धोखे से कैसे बचा जाए.
फिशिंग क्या है? (What is phishing?)
फिशिंग एक तरह का ऑनलाइन धोखा देने का तरीका है. इसमें धोखेबाज लोग आपको ऐसा ईमेल भेजते हैं जो बिल्कुल असली दिखता है, जैसे कि किसी बैंक या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से आया हो. वो ईमेल में आपको डराने वाली बातें लिखते हैं, जैसे कि "आपका अकाउंट बंद हो जाएगा" या "आपका पासवर्ड एक्सपायर होने वाला है". इसके बाद वो एक लिंक भेजते हैं जिसमें क्लिक करने के बाद आपकी पर्सनल जानकारी मांगते हैं. इस तरह वो आपकी जानकारी चुराकर आपको नुकसान पहुंचाते हैं.
फिशिंग से बचने के आसान तरीके (Easy ways to avoid phishing)
अपनी निजी जानकारी शेयर करने से बचेंऑनलाइन किसी को भी अपनी पर्सनल डिटेल्स जैसे आधार नंबर, फोन नंबर, घर का पता या बैंक की जानकारी देने से बचें. ऐसे ईमेल या मैसेज पर तुरंत भरोसा न करें जो आपसे ये सब जानकारी मांगते हैं. हमेशा पहले चेक करें कि जो व्यक्ति या कंपनी आपसे जानकारी मांग रही है, वो असली है या नहीं.
समय- समय पर पासवर्ड बदलते रहें (Change your password from time to time)
अपने पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें. इससे अगर आपका पासवर्ड कभी किसी को पता भी चल जाए तो वो ज्यादा देर तक उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. खासकर बैंकिंग और सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड को नियमित रूप से बदलें और हमेशा एक मजबूत पासवर्ड चुनें.
Two-Factor Authentication (2FA) का इस्तेमाल करें
2FA एक अतिरिक्त सुरक्षा लेयर है जो आपके अकाउंट को सुरक्षित रखती है. इसमें पासवर्ड डालने के बाद आपके मोबाइल पर एक कोड आता है, जिसे डालने के बाद ही अकाउंट खुलता है. Google और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर इसे सेट करना बहुत आसान है.
किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले ध्यान से देखें
कई बार फिशिंग ईमेल में ऐसे लिंक होते हैं जो असली दिखते हैं, लेकिन ध्यान से देखने पर उनमें गलत स्पेलिंग होती है या अजीब सा URL होता है. बिना जांचे-परखे किसी लिंक पर क्लिक न करें. हमेशा वेबसाइट का सही URL टाइप करके ही उस पर जाएं.
फिशिंग के अलग-अलग तरीके (Different methods of phishing)
फिशिंग कई तरह से हो सकती है, जैसे कि स्पीयर फिशिंग, विशिंग (फोन कॉल से धोखा), स्मिशिंग (मैसेज के जरिए धोखा), और लिंक मैनिपुलेशन (लिंक बदलकर धोखा देना). इसके अलावा, कुछ लोग वायरस भेजकर आपके सिस्टम में घुस जाते हैं. इनसे सतर्क रहना जरूरी है.
Anti-Phishing टूल्स और एंटीवायरस का उपयोग करें
अपने कंप्यूटर या मोबाइल में एक अच्छा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और उसे समय-समय पर अपडेट करते रहें. कई बार ये सॉफ्टवेयर खुद ही संदिग्ध ईमेल्स और लिंक को ब्लॉक कर देते हैं. इससे आपको सुरक्षा मिलती है.
आज के समय में फिशिंग से बचना बहुत जरूरी है. ये कुछ आसान से तरीके आपकी पर्सनल और बैंकिंग जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे. याद रखें कि इंटरनेट पर सतर्क रहना और किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले जांच करना बहुत जरूरी है. अगर हम सावधान रहेंगे, तो ऐसे फिशिंग हमलों से आसानी से बच सकते हैं.
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