दिन निकलते ही मोदी सरकार ने किसानों को दिया दिवाली का गिफ्ट, चुटकियों में खत्म की सारी टेंशन

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है, सरकार के इस ऐलान से देश के अन्नदाता में भारी खुशी का माहौल है...लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां मना रहे हैं.

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Mohit Sharma
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दिन निकलते ही मोदी सरकार ने किसानों को दिया दिवाली का गिफ्ट, चुटकियों में खत्म की सारी टेंशन

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साल 1970 में भारत में श्वेत क्रांति हुई थी. इस क्रांति को ऑपरेशन फ्लड के नाम से भी जाना जाता है. इसने दूध की कमी झेल रहे भारत को दुनिया में सबसे ज्यादा मिल्क प्रोड्यूस करने वाला देश बना दिया और अब करीब 54 साल बाद देश में एक और श्वेत क्रांति का आरंभ हो चुका है. इसका नाम है श्वेत क्रांति 2.0 इसमें महिला किसानों को एंपावर करना, लोकल लेवल पर मिल्क प्रोडक्शन को बढ़ाना, डेरी प्रोडक्शन के बेसिक इंफ्रा को मजबूत करना और डेरी निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है. यह कार्यक्रम नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में शुरू की गई तीन पहल में से एक है.

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दूध की खरीद में 50 प्रतिशत की वृद्धि

श्वेत क्रांति 2.0 का टारगेट है अगले 5 साल में डेरी सहकारी समितियों की तरफ से दूध की खरीद में 50 प्रतिशत की वृद्धि करना. सरकारी समिति का लक्ष्य उन गांवों और पंचायतों में डेरे किसानों तक पहुंच प्रदान करना है, जहां दूध की खरीद नहीं हो पाती है. रूरल इकॉनमी को रफ्तार देने के लिए देश में दूसरी श्वेत क्रांति की शुरुआत 1 लाख गांव से होने जा रही है. पांच वर्षों के दौरान 5658 नई डेरी सहकारी समितियों और मिल्क पूलिंग पॉइंट्स की स्थापना होनी है. इसमें ऐसे गांव को कवर किया जाना है, जहां अभी डेरी समितियां नहीं बन पाई हैं. देश में दूध का उत्पादन बढ़ेगा तो घरेलू मांग की आपूर्ति हो सकेगी और निर्यात करने की क्षमता में भी वृद्धि होगी. एक सर्वे में बताया गया कि दूध में अभी भी अन ऑर्गेनाइज्ड क्षेत्र का ज्यादा हिस्सा है इससे क्वालिटी को नियंत्रित करने में दिक्कत होती है, लेकिन जब सहकारिता के जरिए गांव-गांव से अधिक मात्रा में दूध का संकलन होने लगेगा तो संगठित डेरी उद्योग को व्यापक प्रोत्साहन मिलेगा जिसके बाद उपभोक्ताओं को शुद्ध दूध भी मिल सकेगा.

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भारत सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश

राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड को योजना तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है और इसके तहत गांव और पंचायत स्तर पर आसान ऋण और दूसरी सहूलियत की व्यवस्था भी की जाएगी. इस योजना में 1 लाख मौजूदा जिला सहकारी समितियां और इसके अलावा प्राथमिक कृषि ऋण समितियों की स्थापना और उन्हें मजबूत करना शामिल है. इन्हें दूध के मार्गों से जोड़ा जाएगा जहां बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा. शुरुआत में राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड अपने संसाधनों से इस पहल को आगे बढ़ाएगा. इसके साथ ही रूपे किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए डेरी किसानों को ब्याज मुक्त नकद ऋण प्रदान करेगी. इस कदम का उद्देश्य किसानों के दरवाजे तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाना और सहकारी निधि को क्षेत्र के भीतर रखना है. दुनिया में भारत सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश है और ग्लोबल डेरी प्रोडक्शन में 25 फीसदी योगदान देकर दुनिया में पहले स्थान पर है. पिछले 9 वर्षों के दौरान भारत के दूध उत्पादन में 58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और वर्ष 2022 में यह बढ़कर 23.5 मिलियन टन हो गया. बेल आइकन दबाना बिल्कुल नाना भूलें

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