Noida Air Pollution: सर्दियों की शुरुआत होती ही राष्ट्रीय राजधानी की हवा खराब होने लगी है. दिल्ली के बाद अब नोएडा की हवा भी सांसों पर भारी पड़ने लगी है. जिससे लोग परेशान है. दिवाली से पहले ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक एक ही दिन में दो गुना हो गया. दरअसल, रविवार को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 304 दर्ज किया गया. जे बेहद खराब श्रेणी में था, हालांकि इससे एक दिन पहले यानी शनिवार यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 169 दर्ज किया गया था.
एक साथ खराब तीनों शहरों की हवा
लगातार बढ़ रहा वायु प्रदूषण लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रहा है, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये पहली बार था जब राष्ट्रीय राजधानी के तीन शहरों की हवा एक साथ इतनी खराब हुई. जहां सांस लेना दूभर हो गया. बता दें कि मुख्य रूप से शून्य और 50 के बीच एक AQI को 'अच्छा' माना जाता है, जबकि 51 और 100 के बीच के एक्यूआई को 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.
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प्रदूषण के लिए पाकिस्तान को बताया जिम्मेदार
ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी डीके गुप्ता ने वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि, "इस साल यह पहली बार है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के सभी तीन शहरों में एक ही दिन में 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता दर्ज की गई. जिसके लिए हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान को दोषी ठहराया जाना चाहिए. सीमा पार पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जहां से जहरीली धुआं यहां पहुंच रहा है.'
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दृश्यता भी हुई कम
इसके साथ ही अधिकारियों ने आस-पास के क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं को भी बढ़ते एक्यूआई के लिए जिम्मेदार माना है. उन्होंने कहा कि प्रतिकूल हवा की स्थिति जो आमतौर पर खेत की आग से धुएं के आने से स्थिति को खराब करती है. बता दें कि सोमवार को दिल्ली के आसमान में धूंध छाई दिखी, इस दौरान कई इलाकों में विजिबिलिटी काफी कम हो गई. इस दौरान पालम में दृश्यता 1,000 मीटर और सफदरजंग में 1,500 मीटर ही रह गई. इसके साथ ही कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों ने AQI स्तर को गंभीर श्रेणी में दर्ज किया.
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