भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक के नतीजे सामने आ गए हैं. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने सुबह 10 बजे बजट के बाद (Budget 2024) संपन्न हुई पहली मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों की घोषणा कर दी है. उन्होंने बताया कि इस बार भी नीतिगत दरों (Repo Rate) में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसका अर्थ कि लोन की ईएमआई न बढ़ेगी और न ही घटने वाली है. रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार पॉलिसी रेट को 6.5 फीसदी पर यथावत रखने का निर्णय लिया है.
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रेपो रेट 3.35 प्रतिशत बरकरार रखने को कहा गया
शक्तिकांत दास के अनुसार, बैठक में छह में से चार सदस्य रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव न करने के पक्ष में थे. Repo Rate पर घोषणा करने के साथ ही उन्होंने ग्लोबल संकट को लेकर चिंता व्यक्त की है. इस बैठक में SDF 6.25%, MSF 6.75% और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत बरकरार रखने को कहा गया है. वहीं कैश रिजर्व अनुपात 4.50% और SLR 18% पर वही रहने वाला है. RBI गवर्नर के अनुसार, अभी ग्लोबल हालात बेहद चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं. कुछ देश सेंट्रल बैंक की ब्याज दरों में कटौती को लेकर विचार करने में लगे हैं. वहीं कुछ देश बढ़ोतरी की बात को बढ़ावा दे रहे हैं. ऐसे में भारतीय सेंट्रल बैंक की पैनी नजर बनी हुई है.
RBI ने वित्त वर्ष 2025 को लेकर रियल जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है. इसमें किसी तरह का चेंज नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के लिए खाद्य महंगाई दर को संतुलित रखना प्रथमिक जरूरतों में से एक है. उस पर पूरा फोकस बना हुआ है. अर्थव्यवस्था में तेजी बनी रहे, इस पर केंद्रीय बैंक की नजरें टिकीं हुई हैं.
सात बार रेपो रेट में बदलाव नहीं
भारत में महंगाई दर (Inflation Rate) अभी भी RBI के तय 2-6 प्रतिशत के दायरे में आती है. आपको बता दें कि जून में खुदरा महंगाई की दर चार माह के उच्च स्तर 5.08 प्रतिशत पर थी. वहीं जब तक खुदरा महंगाई की दर नीचे की ओर नहीं आती है, तब तक रेपो रेट में कटौती की संभावना कम ही है. आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 8 फरवरी, 2023 को रेपो रेट में बदला था. इसे बढ़ाकर 6.5 फीसदी किया था. तब से आरबीआई ने लगातार 7 बार इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया.