गाजियाबाद में टैटू की दीवानगी का एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां 68 युवतियां एचआईवी से संक्रमित हो गईं, जिसका कारण टैटू आर्टिस्ट द्वारा इस्तेमाल की गई दूषित सुई बताई जा रही है. यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो टैटू को आधुनिक जीवनशैली का प्रतीक मानते हुए सावधानी बरतने से चूक जाते हैं.
कैसे चला पता?
जानकारी के मुताबिक, ये सभी लड़कियां एक लोकल टैटू आर्टिस्ट के पास गई थीं, जो सस्ते दामों पर टैटू बनाता था. लेकिन इस प्रोसेस में उसने संक्रमण-रहित (स्टरलाइज्ड) सुइयों का उपयोग नहीं किया. यही लापरवाही एचआईवी संक्रमण फैलने का मुख्य कारण बनी. जब इन लड़कियों ने स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव किया और जांच करवाई, तो एचआईवी पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि टैटू बनवाने से पहले यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि इस्तेमाल की जाने वाली सुई और अन्य उपकरण स्टरलाइज्ड हों. गंदे या इस्तेमाल की हुई सुई से न केवल एचआईवी बल्कि हेपेटाइटिस और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.
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टैटू बनवाते समय रखें ध्यान
यह घटना उन सभी के लिए एक सबक है जो आधुनिक ट्रेंड्स का हिस्सा बनने के लिए अपनी सेहत को दांव पर लगा देते हैं. टैटू बनवाने से पहले सही कलाकार और स्वच्छता के मानकों की जांच करना बेहद जरूरी है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे टैटू बनवाने के दौरान जागरूक और सतर्क रहें.
सुई और उपकरणों की जांच: यह सुनिश्चित करें कि इस्तेमाल की जाने वाली सुई नई और सील पैक हो.टैटू बनवाने से पहले इसे खोलते हुए खुद देखें.
काली स्याही (इंक) की गुणवत्ता: केवल उच्च गुणवत्ता और त्वचा के लिए सुरक्षित टैटू इंक का उपयोग करें.
देखभाल के निर्देशों का पालन: टैटू बनवाने के बाद उसकी सफाई और सही देखभाल के लिए दिए गए निर्देशों का पालन करें.
इन्फेक्शन के लक्षणों पर नजर: अगर टैटू के बाद लालिमा, सूजन, या दर्द ज्यादा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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