हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दो महिलाएं स्टेज पर डांस करती नजर आ रही हैं. इस वीडियो में सावन के महीने के एक धार्मिक कार्यक्रम का दृश्य दिखाया गया है, जिसमें कावड़ियों को भी देखा जा सकता है. हालांकि, इस वीडियो का सबसे विवादित हिस्सा बैकग्राउंड में बज रहा गाना है. वीडियो के बैकग्राउंड में सुन सकते हैं कि कैसे गाना बज रहा होता है. गाने के बोल हैं, "भोले बाबा पत्थर में पार्वती के चक्कर में."
गाने के बोल कर रहे हैं हैरान
इस गाने के बोल धार्मिक भावना को आहत करने वाले और विवादित माने जा रहे हैं. विशेष रूप से इस गाने में भोले बाबा और पार्वती के प्रति असंवेदनशील भाषा का उपयोग किया गया है, जो कई लोगों को आपत्तिजनक है. गाने की रिलीज के बाद से ही इस पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और इसके लेखक और गायिका पर कार्रवाई की मांग की जा रही है.
आम जनता और धार्मिक समूह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इस तरह के गाने लिखने और गाने वाले के खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? उन्होंने सरकार और संबंधित प्राधिकरण से अनुरोध किया है कि वे इस मुद्दे पर ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले किसी भी सामग्री के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं.
क्या जारी रहेगा ये दौर?
इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक संवेदनाओं और उनके प्रति सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया है. क्या इस तरह के गानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, यह देखना बाकी है. बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि इस तरह के गाने बनाए गए हैं. इसमें सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर ऐसे लोगो कैसे कुछ भी बना सकते हैं. क्या फिल्म और गाना निर्माओं को इतनी समझ नहीं है कि वो क्या बना रहे हैं? अगर इन जैसे निर्माओं और एल्बम मेकर ऊपर एक्शन नहीं होती है तो ये समस्या और भी गहरा होगा.